स्टाफ नर्स दे रही थी नौकरी, धरी गई। लाखों रुपये एंठे

अस्पताल के नए भवन में नौकरी के बहाने फंसाया

यमुनानगर (सच कहूँ/लाजपतराय)। सिविल अस्पताल (Civil hospital) में नौकरी लगवाने के नाम पर 15 लोगों से लगभग 30 लाख रुपये की ठगी करने की मुख्य आरोपी स्टाफ नर्स इंदू बाला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। ठगी में शामिल अन्य आरोपी अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। स्टाफ नर्स से आरोपियों के बारे में पूछताछ की जा रही है। नौकरी दिलाने के नाम पर जिन लोगों से ठगी हुई थी, उन्होंने 16 मई को सिविल सर्जन कार्यालय पर प्रदर्शन किया था। जिसके बाद सिविल सर्जन ने पुलिस को शिकायत दी। मामले में 17 मई को शहर पुलिस ने स्टाफ नर्स इंदू, पूर्व चतुर्थ श्रेणी कर्मी गगन व बिजली निगम के कर्मी जठलाना निवासी राजेश शर्मा पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। शिकायत में लगभग 30 लाख रुपये ठगने की बात कही गई थी।

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गांव उन्हेड़ी निवासी सतीश कुमार, मॉडर्न कॉलोनी (Modern Colony) निवासी सुरेश, ज्योति, सविता, सौरव, गौरव, संदीप, प्रीति, हितेश, रजत, सचिन व परमजीत आदि ने बताया था कि सरकारी हस्पताल में नर्सिंग अधिकारी इंदू कार्यरत है। उसके पास कार्यरत एक कर्मी ने उन्हें बताया था कि अस्पताल का नया भवन बन रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में विभिन्न पदों पर पक्के कर्मचारी रखे जाने हैं। इसके बाद वे उससे मिले। नर्स अधिकारी ने उन्हें बताया कि नौकरी के लिए रुपये देने होंगे।

50 हजार रुपये से 7 लाख रुपये तक लिए गए | Fraud

उन लोगों से 50 हजार रुपये से सात लाख रुपये तक लिए गए। बाद में उन्हें पता चला कि अस्पताल में तो कोई वैकेंसी निकली ही नहीं। इसकी शिकायत उन्होंने 19 अप्रैल को एसपी को भी दी थी। कार्रवाई के लिए जब मंगलवार को सिविल सर्जन को मिले तो। इसके बाद मामले में सिविल अस्पताल की नर्सिंग अधिकारी इंदू, पूर्व चतुर्थ श्रेणी कर्मी गगन, बिजली विभाग के कर्मी जठलाना निवासी राजेश शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।

जाने किससे हड़पे कितने रुपए

शिकायतकर्ताओं ने बताया कि स्टाफ नर्स के लिए ज्योति से 5.50 लाख रुपये, एंबुलेंस ड्राइवर के लिए शाहरूख खान से 3.50 लाख रुपये, ग्रुप डी के लिए सविता से 3.30 लाख, कंप्यूटर ऑपरेटर के लिए सौरव से 4 लाख, गौरव से 3.70 लाख, मदन से 4.25 लाख, ग्रुप डी के लिए बिंदिया से 7 लाख, कंप्यूटर ऑपरेटर के लिए संदीप सैनी से 1.75 लाख, ग्रुप डी में डीसी रेट के लिए संदीप से 50 हजार, डीसी रेट पर स्टाफ नर्स के लिए प्रीति से 70 हजार, फार्मेसी में सतीश कुमार से 4.50 लाख, इलेक्ट्रिशियन के लिए हितेश से 2.25 लाख, कंप्यूटर ऑपरेटर के लिए रजत से 4 लाख, डीसी रेट पर ग्रुप डी में सचिन से 40 हजार व परमजीत से 50 हजार रुपये हड़पने का आरोप है।

भरोसा जीतने के लिए काम पर भी बुलाया

शिकायतकर्ताओं ने बताया था कि नर्स ने रुपये लेने के बाद पांच-छह लोगों को अस्पताल में काम पर भी बुलाया था। किसी को सुबह नौ बजे तो किसी को दोपहर दो बजे अस्पताल में ड्यूटी पर बुलाया जाता था। उनसे फाइलें एक कमरे से दूसरे में लाने-ले जाने का काम कराया गया। ताकि युवाओं को लगे कि उनकी नौकरी लग गई है। कुछ दिन बाद उन्हें नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। उधर, शहर थाना प्रभारी पृथ्वी सिंह का कहना है कि सिविल सर्जन की शिकायत पर नर्स अधिकारी समेत तीन लोगों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।