‘वोटां तों बाद लीडर पहाड़ियां ते, भगत गए दिहाड़ियां ते’

Punjab Election

 चुनावों के गुजरते ही ‘संदूकों’ में बंद हुए पंजाब के के मुद्दे

गुरबिन्दर सिंह/काला शर्मा/भदौड़/बरनाला। विधानसभा चुनाव खत्म होते ही पंजाब भर के अलग-अलग नेशनल और क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवार और सदस्य अपने परिवारों तक सीमित होकर अपनी-अपनी, विजय और अपनी-अपनी पार्टी की सरकारें बनाने के दावे कर रहे हैं।

चाहे चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आने हैं परन्तु घरों में बैठे नेता अलग-अलग चैनलों द्वारा किये गए सर्वे को सोशल मीडिया पर शेयर कर अपनी-अपनी पार्टी की सरकार बनाने के बहुमत मिलने के दावे ठोक रहे हैं। अपनी-अपनी सरकार बनाने के दावे करने वालों में कांग्रेस पार्टी के राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मुख्यमंत्री के उम्मीदवार चरनजीत सिंह चन्नी, कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू, सुनील जाखड़, शिरोमणी अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल, बिक्रमजीत सिंह मजीठिया, आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविन्द केजरीवाल, राघव चड्ढा, मुख्यमंत्री के उम्मीदवार भगवंत मान, भारतीय जनता पार्टी, पंजाब लोक कांग्रेस और शिरोमणी अकाली दल (संयुक्त) गठबंधन की तरफ से देश के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, पंजाब प्रधान अश्वनी कुमार शर्मा शामिल हैं।

 

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