देना ही है तो 100 पर्सेंट वचन मानने का तोहफा दें

बरनावा। ये जनवरी का महीना शाह सतनाम जी, शाह मस्तान जी दाता, रहबर, साई, जिन्होंने सच्चा सौदा बनाया शाह सतनाम जी महाराज का पाक पवित्र अवतार महीना है, पूरी साध-संगत खुशी, उल्लास और धूमधाम से अवतार महीने को मनाती है और ये मनाया भी क्यों न जाए, जिस दाता सतगुरु ने जिन्दगी बदल दी, नरक जैसी जिन्दगी को स्वर्ग बना दिया।
उक्त अनमोल वचन पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने शनिवार दोपहर बाद शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा में आयोजित रूहानी मजलिस के दौरान फरमाए। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि दाता रहबर ने आत्मा को भगवान से मिलने का रास्ता दिखा दिया, बिगड़े हुओ को इन्सान बना दिया, गिरे हुओ को उठाकर छाती से लगा लिया, ऐसे सतगुरु दाता का शुक्राना, धन्यवाद जितना किया जाए उतना कम। साध-संगत गाकर, नाचकर, खुशी मनाकर अपने सतगुरु का शुक्राना करती है। आपजी ने फरमाया कि जब सतगुरु का गुणगान करते हो, शुक्राना करते हो तो मर्यादा में 100 पर्सेंट रहना चाहिए। मर्यादा से बाहर जाकर जो खुशी मनाई जाती है वो मनमते होती है और मन की खुशी कभी आत्मा को नहीं आती। इसलिए जो बोला जाए, जो कहा जाए उस पर अमल किया जाए। वचन संत पीर-फकीर के होते हैं तो उस पीर-फकीर के वचनों पर जो अमल करता है वहीं इन्सान दोनों जहां की खुशी का हकदार बन जाता है। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि सच्चे दाता रहबर शाह सतनाम जी महाराज ने ऐसी बात बताई, ऐसे वचन बताए जिन पर एक छोटा सा बच्चा भी अमल करके दोनों जहां की खुशियां हासिल कर सकता है। ऐसा आसान रूहानियत का रास्ता जिसने भी अपनाया वो खुशियों से मालामाल हो गया और यह खुशियां टैंपेरेरी नहीं होती, परमानेंट होती हैं, हमेशा बनी रहती हैं। बस इन्सान गलतियां न करे, इन्सान वचनों पर 100 पर्सेंट अमल करे तो इन्सान को अंदर बाहर किसी तरह की कोई कमी नहीं आती।
पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि इन्सान सोचता है मैंने तोहफा देना है, क्योंकि दुनिया में किसी का जन्मदिन मनाते हैं तो उस पर कोई तोहफा देते हैं और मुरीद अगर तोहफा देना चाहते हैं तो गुरु पीर-फकीर के वचनों को 100 पर्सेंट मानना, इससे बढ़िया तोहफा एक मुरीद अपने मुर्शिद-ए-कामिल को दे ही नहीं सकता। तो आप नए साल में सच्चा दाता रहबर के अवतार महीने में प्रण करें कि हाँ मैं अपने सतगुरु के वचनों पर 100 पर्सेंट अमल करूंगा, 100 पर्सेंट वचनों को मानूंगा। जो लोग ऐसा सोचेंगे, अमल करेंगे उनके घरों में खुशियों और बरकतों के ढेर लग जाएंगे। मालिक अंदर बाहर से खुशिया जरूर देंगे। यही है रूहानियत, यही है सूफियत। रूहानियत में गुरु कहे और शिष्य मान ले, इससे बड़ी कोई दूसरी बात नहीं होती और गुरु कहता है सबका भला करो। भला करने से एक आत्मिक शांति आती है, आनंद आता है, एक लज्जत आती है, जिसका मुकाबला दुनिया का कोई सुख नहीं कर सकता। हमारे देश और पूरी दुनिया में ऐसे-ऐसे धनवान हैं, जिनके पास दौलत का कोई शुमार नहीं, कोई गिनती नहीं, लेकिन आत्मिक शांति, दिमागी शांति न होने की वजह से उनसे दुखी भी दुनिया में कोई दूसरा नहीं होता। आदमी का जी तो ललचाता है, यार उनके पास तो गाड़िया हैं, जहाज हैं, वो मजे लेते हैं आपको क्या पता उनके मजे में भी सजा है और आप मेहनत मजदूरी करते हैं, राम का नाम जपते हैं, बड़े-बड़े पत्थर पर भी सो जाएं तो भी ऐसी नींद आती है कि सुबह तक पता ही नहीं चलता कि कहां सोए थे और दूसरी ओर अमीरों को मखमल के बेड पर भी जब नींद नहीं आती तो ऐसे लगता है जैसे बिच्छू काट रहे हों। इसलिए मन के पीछे मत लगा करो कि जिसके पास पैसा है, जिसके पास धन-दौलत जमीन जायदाद है शायद वो ही सुखी है, ये सही नहीं है। सुखी वहीं है जो राम का नाम जपता है। सुखी वही है जो गुरु, पीर-फकीर के वचनों पर अमल करता है। चाहे वो अमीर है और चाहे वो गरीब है। अमीरी-गरीबी आपकी मेहनत पर निर्भर करता है और यही चीज रूहानियत में है। रूहानियत आपकी मेहनत पर निर्भर करती है, आप रूहानियत के कितने वचन मानते हो, वचनों पर कितना चलते हो, सेवा-सुमिरन में कितना ध्यान लगाते हो। इसलिए बहुत जरूरी है कि आप मालिक का नाम जपें। क्योंकि सेवा और सुमिरन दो ऐसी ताकतें हैं, जो इन्सान के अंदर बाहर की तमाम सफाई कर देती हैं। तो आप मालिक के नाम का जाप करो, मालिक से मालिक को मांगो। जो मालिक का नाम जपते हुए गुरु, पीर-फकीर के वचनों पर अमल करते हैं, उनका रोज भंडारा होता है, रोज खुशियां होती हैं, रोज अंदरूनी तौर पर मालामाल होते हैं। परम पिता शाह सतनाम जी महाराज के पाक पवित्र अवतार महीने की बहुत-बहुत मुबारक हो। नया साल आपके जीवन में नई खुशियां लेकर आए, नए उजाले लेकर आए। आपके गम और अंधकार को शाह सतनाम जी, शाह मस्तान जी दाता रहबर जरूर मिटा दें, आप उनका नाम जपें, वो आपकी चिंता, टैंशन का खात्मा कर दें ये सतगुरु मौला से दुआ करते हैं, प्रार्थना करते हैं।

वचनों पर 100 फीसदी अमल करने को लिया प्रण
परम पिता शाह सतनाम जी महाराज के पावन अवतार महीने के आगमन की खुशी में साध-संगत ने प्रण लिया कि अपने सतगुरु के वचनों पर 100 फीसदी अमल करेंगे।

पूज्य गुरु जी ने साध-संगत के लिए काटा केक
डेरा सच्चा सौदा की दूसरी पातशाही पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज के पावन अवतार माह के उपलक्ष्य में पूज्य गुरु जी ने शनिवार देर सांय उत्तर प्रदेश की साध-संगत के लिए केक काटा। ‘तेरावास’ में आयोजित कार्यक्रम में भारी तादाद में साध-संगत मौजूद थी। इस अवसर पर पूज्य गुरु जी आकर्षक परिधान में पधारे। पूज्य गुरु जी के पधारने पर उपस्थित साध-संगत ने ‘धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ का पवित्र नारा लगाकर पूज्य गुरुजी को पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज के पावन अवतार माह की बधाई दी। तदोपरांत पूज्य गुरुजी ने अपने पावन कर कमलों से केक काटा व उपस्थित साध-संगत में वितरित करवाया।