पंजाब में आतंकवाद की आहट

Terrorism, Sense, Punjab

एक बार फिर पंजाब पुलिस व खुफिया तंत्र की लापरवाही को उजागर करते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जालंधर में छापामारी दौरान आतंकी संगठनों से जुड़े तीन विद्यार्थियों को गिरफ्तार किया है व एके-47 सहित पिस्तौल व विस्फोटक सामग्री भी बरामद की है। इस कार्रवाई से पंजाब पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही है, किंतु लगता यही है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ही इनका पीछा कर रही थी, नहीं तो यह तीनों ही विद्यार्थी जालंधर के एक इंजीनियरिंग संस्थान में पिछले 72 घंटों से किसी घटना को अंजाम देने की ही योजना बना रहे थे। वह पंजाब में आराम से रह रहे थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तो पंजाब पुलिस से सहयोग मांगा तब पंजाब पुलिस सक्रिय हुई।

ये विद्यार्थी पंजाब में पहुंचे, शिक्षा के लिए दाखिला लेने के बाद इनका क्या उद्देश्य था? किस तरह एके-47 जैसे हथियार पंजाब में लेकर घुसे? इन सवालों का जवाब देने के लिए पंजाब पुलिस तैयार नहीं। आखिर एके-47 कोई जेब में छुपाने वाली चीज नहीं। पंजाब की जासूस एजेंसियां इस मामले में हाथ पर हाथ रखकर बैठी हैं। पठानकोट व दीनानगर में आतंकवादी हमलों से सबक नहीं लिया गया। यूं भी पंजाब सीमावर्ती राज्य है, जो आतंक की नर्सरी माने जाने वाले पाक के साथ 450 किलोमीटर से ज्यादा सटा हुआ है।

इसी तरह आतंकवाद प्रभावित जम्मू-कश्मीर भी पंजाब के साथ सटा राज्य है जिसके मद्देनजर पंजाब पुलिस को अधिक जागरूक रहने की आवश्यकता है। दरअसल पुलिस पर राजनीतिक कार्यक्रमों की जिम्मेवारियों का इतना बोझ है कि पुलिस विदेशी ताकतों की चालों को समझने व रोकने के लिए समय ही नहीं निकाल पाती। रैलियां, मंत्रियों के दौरे और कई अन्य ऐसे कार्यक्रम हैं जहां सारा का सारा पुलिस तंत्र जुट जाता है। जालंधर की घटना राजनेताओं के कान खड़े करने के लिए काफी है।

आतंकी शिक्षा संस्थाओं में घुसपैठ कर सुरक्षा के लिए चुनौती बनें, इससे पहले पुलिस को मुस्तैद होकर काम करना चाहिए। पिछले कई सालों में पंजाब में आरएसएस, शिवसेना के नेताओं व डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं की हत्याओं की घटनाएं घट चुकी हैं जिनके पीछे सरकार ने विदेशी ताकतों का हाथ होने का शक प्रकट किया था।

पंजाब में निरंतर बढ़ रही पावन धार्मिंक गं्रथों की बेअदबी की घटनाओं के पीछे भी इन विदेशी ताकतों का हाथ होने से इन्कार नहीं किया जा सकता। ऐसी घटनाएं पंजाब की अमन-शांति को भंग करने की साजिश है जिस पर पैनी नजर रखने की आवश्यकता है। सरकार को जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रति जागरूक रहना होगा।

 

 

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