स्कूलों के समक्ष कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करवाना सबसे बड़ी चुनौती

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वर्तमान समय में स्कूल खुलने से नई शिक्षा नीति को मिलेगा बढ़ावा

सच कहूँ/संदीप सिंहमार, हिसार। अक्सर स्कूलों की छुट्टियों से बच्चों में खुशी का माहौल होता है लेकिन वर्तमान वैश्विक महामारी कोविड-19 कोरोनावायरस के दौर में स्थिति बिल्कुल विपरीत बनी हुई है। अब स्कूल खुलने की सूचना पाकर बच्चे फूले नहीं समां रहे हैं। इतना ही नहीं बच्चों के अभिभावक वे खुद शिक्षक खुश है। इन सबके बीच सरकारी आदेशों से 16 जुलाई से नौवीं से 12वीं कक्षा 23 जुलाई से कक्षा 6 से 9 वीं कक्षा तक के स्कूल खुल तो रहे हैं लेकिन हरियाणा प्रदेश के सभी सरकारी व निजी स्कूलों के सामने कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करवाना सबसे बड़ी चुनौती रहेगी। हालांकि कोविड-19 पर प्रोटोकॉल लागू करवाने के लिए सभी प्रकार के दिशा-निर्देश 12 जुलाई को दोपहर बाद दिए जाने है,लेकिन 3 दिनों में स्कूलों में सभी प्रकार की तैयारी करवाना इतना आसान भी नहीं है।

फिर भी शिक्षाविदों व शिक्षा से जुड़े मनोवैज्ञानिकों ने हरियाणा सरकार के इस निर्णय को सही करार दिया है। क्योंकि वर्तमान समय में स्कूल खुलने से नई शिक्षा नीति को भी बढ़ावा मिलेगा। वैसे तो नई शिक्षा नीति 2020 में ही कागजों में लागू हो चुकी है। पर सही मायने में नई शिक्षा नीति को लागू तब होगी जब बच्चे अपने गुरुजनों से आमने सामने मिल कर पढ़ाई करेंगे व साल में दो बार फिजिकली परीक्षा भी देंगे। नई शिक्षा नीति में इस बात पर जोर दिया गया है कि साल में दो बार परीक्षा होनी चाहिए। सीबीएसई तो नई शिक्षा नीति के इस नियम को लागू करवाने के लिए अपने संबंधित स्कूलों में पत्र भी जारी कर चुका है।

बच्चों के व्यवहार में आएगा बदलाव

कोविड-19 की पहली व दूसरी लहर के दौरान बच्चों का अधिकतर समय घर में बीतने के कारण बच्चों के व्यवहार पर बुरा असर पड़ा है। किशोरावस्था में अपने स्कूल के छात्रों से दूर रहकर बच्चे व्यवहार कौशल विकास वे सामाजिक कौशल विकास से दूर होते चले जाते हैं। वर्तमान परिस्थितियों में भी ऐसा ही हुआ है। हालांकि घर रहते हुए भी बच्चे ऑनलाइन शिक्षा से जुड़े रहे हैं। फिर भी बच्चों का व्यवहार इस कदर बदल चुका है कि चिड़चिड़ापन उनकी एक सामान्य आदत बन गई है। स्कूल खुलने से बच्चों के व्यवहार में तुरंत प्रभाव से सकारात्मक बदलाव आएंगे।

पढ़ाई का बनेगा रूटीन

स्कूल खुलने से बच्चों की उनके ही शिक्षक जब फेस टू फेस क्लास लेंगे तो पढ़ाई का एक रूटीन बन जाएगा। इसी प्रकार घर पर रहते हुए बच्चों का ज्यादातर समय ऑनलाइन क्लास के बहाने से स्क्रीन पर ही बीता है। स्क्रीन पर समय बिताने के कारण बच्चों के खाने-पीने से लेकर नींद पर बुरा प्रभाव पड़ चुका था। इन सब से बच्चों को आप छुटकारा मिल जाएगा।

‘‘बच्चों के हित को देखते हुए हरियाणा के सभी स्कूलों को कक्षा 9 से 12 के लिए 16 जुलाई से तथा कक्षा 6 से 8 के लिए 23 जुलाई से खोलने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान ऑनलाइन कक्षाएं भी जारी रहेंगी।

कंवरपाल -शिक्षा मंत्री, हरियाणा सरकार

बच्चों के मानसिक स्तर में सुधार होगा

कोविड-19 की पहली व दूसरी लहर के दौरान बच्चे अपने आयु वर्ग के दूसरे बच्चों से दूर रहते हुए पियर लर्निंग से दूर हो गए थे। ज्यादातर समय घर में ही बीतने से बच्चे मानसिक रूप से परेशान होने लगे थे। सकार का स्कूल खोलने का निर्णय सही समय पर लिया गया उचित निर्णय कहा जा सकता है। स्कूल में फेस टू फेस पढ़ाई करने से बच्चों के मानसिक स्तर में सुधार होगा।

डॉ. संदीप सिहाग
नैदानिक मनोवैज्ञानिक(शिक्षा)

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