अब रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करने के लिए चुकानी होगी कीमत

Appeal for Avoid Travel

वयस्क यात्री से प्रति घंटे दस रुपये और 5-12 वर्ष के बच्चों से पांच रुपये वसूले जाएंगे

नई दिल्ली (एजेंसी)। रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करने के लिए भी अब जेब ढीली करनी पड़ेगी। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह सुविधा नई दिल्ली और हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर शुरू की जा रही है। वातानुकूलित (एसी) प्रतीक्षालय में ही शुल्क चुकाना होगा। सामान्य प्रतीक्षालय में यात्रियों से शुल्क नहीं वसूला जाएगा। बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के नाम पर रेलवे स्टेशनों के प्रतीक्षालयों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी है। इसकी शुरुआत नई दिल्ली व हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर एसी प्रतीक्षालय से होगी। निजी हाथों में सौंपे जाने के बाद यहां के एसी प्रतीक्षालय में बैठकर ट्रेन का इंतजार करने वाले यात्रियों को जेब ढीली करनी होगी। ट्रेन जितनी लेट होगी शुक्ल भी उतना बढ़ता जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि वयस्क यात्री से प्रति घंटे दस रुपये और 5-12 वर्ष के बच्चों से पांच रुपये वसूले जाएंगे।

ट्रेन जितनी लेट होगी शुक्ल भी उतना बढ़ता जाएगा

वहीं रेलवे कर्मचारी पहले एक घंटे तक बिना किसी शुल्क के वेटिंग रूम में रह सकते हैं, लेकिन उसके बाद उन्हें शुल्क चुकाना होगा। प्रतीक्षालय को ठेके पर देने के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। ठेकेदार प्रतीक्षालय का रखरखाव करेगा। प्रत्येक आधे घंटे बाद पूरे प्रतीक्षालय की सफाई की जाएगी। महिलाओं के बैठने के लिए अलग से स्थान होगा। यह प्रयोग सफल रहा तो अन्य स्टेशनों पर भी इसे लागू किया जाएगा। सामान्य प्रतीक्षालय भी निजी हाथों में दिए जा सकते हैं।

रेलवे पैसेंजर ट्रेनों में सोलर पैनल लगाने की तैयारी

धीमी गति से चलने वाली पैंसेंजर ट्रेनों में बैट्री चार्ज नहीं होने की वजह से अक्सर यात्री पंखे नहीं चलने की शिकायत करते हैं। रात में कई बार कोच में अंधेरा रहता है। इस परेशानी को दूर करने के लिए रेलवे पैसेंजर ट्रेनों में सोलर पैनल लगाने की तैयारी में है। इसी कड़ी में रेलवे बोर्ड के सदस्य (चल स्टॉक) रविंद्र गुप्ता ने सफदरजंग रेलवे स्टेशन पर गैर वातानुकूलित यात्री कोच का उद्घाटन किया। जिसकी छत पर फ्लेक्सिबल सौर पीवी पैनल लगाए गए हैं। इससे कोच के पंखे, लाइटें और मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट चलाए जाएंगे। कोच में सौर ऊर्जा से 15 से 20 यूनिट बिजली मिलेगी। इंडियन रेलवे आर्गनाइजेशन फॉर अल्टरनेट फ्यूल्स (आइआरओएएफ) ने सोलर पैनल विकसित किए हैं। पिछले साल रेवाड़ी-सीतापुर डीएमयू में सोलर पैनल लगाए गए थे।

पैसेंजर ट्रेनों में इसे लगाने की योजना

इसकी सफलता के बाद अन्य पैसेंजर ट्रेनों में इसे लगाने की योजना है। जल्द ही लखनऊ-वाराणसी पैसेंजर (54255/54256), लखनऊ-वाराणसी पैसेंजर (54334/54333) और वाराणसी-लखनऊ इंटरसिटी (14203/04) में भी सोलर पैनल लगेंगे। इससे प्रत्येक कोच से उनकी 25 वर्षों की आयु में तीन करोड़ रुपये का डीजल बचेगा। 1350 टन कार्बन डाइ आक्साइड का उत्सर्जन भी रुकेगा।

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