दिल्ली में काेरोना से सर्वाधिक 380 लोगों की मौत

The maximum death from Corona in Delhi is 380 people

नयी दिल्ली l राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना से सबसे अधिक 380 लोगों की मौत हुई हालांकि कोविड-19 के संक्रमण के मामले में मामूली गिरावट देखी गई। वैश्विक महामारी के दूसरे स्ट्रेन से बुरी तरह जूझ रही दिल्ली में आज कोरोना के 20201नये मामले दर्ज किये गये जो कल 22933 था। इस संक्रमण की चपेट में आने से कल 350 लोगों की मौत हुई थी और आज संख्या बढ़कर 380 हो गई।

इस बीच पिछले 24 घंटों के दौरान 22055 लोगों ने कोरोना को मात दी जिससे ठीक होने वालों की संख्या बढ़कर नौ लाख 40 हजार 930 हो गई। राष्ट्रीय राजधानी में वर्तमान में 52733 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। कोविड के सक्रिय मामले होम आइसोलेशन समेत 92358 हैं। शहर में 29104 कंटेनमेंट जोन हैं। इस बीच, सरकार ने पिछले 24 घंटों में 43,637 लोगों को वैक्सीन लगाई गई जिनमें से 31,888 को पहली खुराक मिली जबकि 11,749 को दूसरी खुराक दी गई। दिल्ली में अब तक, कुल 29,92,824 लोगों को कोराना की वैक्सीन लग चुकी है।

हर दिन 6 लाख तक नए केसों से भी निपटने की तैयारी

देश में बीते हफ्ते कोरोना ने हर दिन रिकॉर्ड कायम किया और तीन लाख से नए मामले रोज दर्ज हुए। अस्पतालों में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने से देश भर में आॅक्सीजन के लिए हाहाकार मच गया। हालांकि, यह कहा जा सकता है कि मौजूदा स्थिति सिर्फ ट्रेलर है क्योंकि आने वाले दिनों में भारत के अंदर हर दिन कोरोना के 6 लाख नए मामले दर्ज किए जा सकते हैं। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल जो कि महामारी को लेकर बनाई सरकार की कोर टीम के भी सदस्य हैं, ने सुझाव दिया है कि देश को अब प्लान बी पर काम करना चाहिए।

पूर्व सांसद करुणा शुक्ला का कोरोना संक्रमण से निधन

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला का सोमवार देर रात यहां निधन हो गया। सुश्री शुक्ला कुछ दिन पहले कोविड-19 से संक्रमित हो गई थी और यहां एक निजी अस्पताल में वह भर्ती थी, जहां देर रात उनका निधन हो गया। समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष रही सुश्री शुक्ला भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रही। वह 2013 में कांग्रेस में शामिल हो गई थी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुश्री शुक्ला के निधन पर गहन शोक व्यक्त किया है। बघेल ने ट्वीट में कहा, ‘मेरी करुणा चाची यानी करुणा शुक्ला जी नहीं रहीं। निष्ठुर कोरोना ने उन्हें भी लील लिया। राजनीति से इतर उनसे बहुत आत्मीय पारिवारिक रिश्ते रहे और उनका सतत आशीर्वाद मुझे मिलता रहा। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और हम सबको उनका विछोह सहने की शक्ति।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।