चंद घंटे की खुशियाँ फिर बिछी ‘मौत की बिसात’ अपनों ने ही डाला मुंह में तेजाब

Marriage

बरेली (सच कहूँ न्यूज)। पिछले छह दिनों से जिंदगी से जंग लड़ रही 20 साल की मुन्नी देवी आखिर रविवार रात को जिंदगी की जंग हार गई। (Bareilly News) मामला बरेली के पश्चिमी फतेहगंज का है, जहां 20 साल की नई दुल्हन बनी मुन्नी देवी अपने ससुराल में खुशियों के चंद घंटे ही जी पाई। वह घर से ऐसे विदा हुई कि जिंदगी से ही विदा हो गई और इस विदाई में किसी गैर का नहीं बल्कि अपनों का ही हाथ रहा।

गांव का ही युवक ले गया था बेटी को

मुन्नी देवी के पिता तोताराम ने जानकारी देते हुए बताया कि उसकी बेटी को गांव का ही एक युवक पिछले साल अप्रैल में फुसलाकर ले गया था। युवक उन्हीं की बिरादरी का था तो आपसी समझौते के तहत तीन दिन बाद वह बेटी को ले आया। दस दिन बाद दोबारा बेटी उसके साथ चली गई। इस बार ये लोग एक सप्ताह में वापस लौटे। इससे उसकी गांव में काफी बदनामी हुई थी। तब से उसने सोच लिया था कि बेटी की कहीं और शादी कर देगा।

तोताराम ने दोनों दामाद छेदालाल और दिनेश के साथ मिलकर कई रिश्ते देखे। फिर भमोरा के गांव नत्था की गौटिया निवासी दामाद दिनेश ने ही अपने पड़ोस के गांव भगवानपुर (जिला बदायूं) में देवेंद्र से रिश्ता तय कराया। बेटी साथी से ही शादी पर अड़ी थी पर उन्होंने किसी तरह निगरानी कर उसे रोक रखा था। बवाल के डर से गांव में बरात नहीं बुलाई। इसी 22 अप्रैल को शाही के पास मिजार्पुर के बरातघर में बरात आई। बेटी ने रात भर ड्रामा किया। फिर बीमारी का बहाना कर फेरे नहीं लिए।

देवेंद्र ने कहा उन्हें फंसाया गया है

उन्होंने भी देवेंद्र के साथ जबरन उसे गाड़ी में बैठाकर विदा किया। वह घर पहुंचे ही थे कि देवेंद्र की कॉल आ गई। कहा कि आपकी बेटी किसी से नहीं बोल रही, आप आकर देख लो। (Bareilly News) तब वह बाइक से बेटे प्रेम कुमार के साथ 23 अप्रैल की सुबह बेटी की ससुराल पहुंच गए। दोनों दामादों को बुला लिया। वहां बेटी ने साफ कह दिया कि वह इस शादी को नहीं मानती, साथी के साथ ही जाएगी। उन लोगों ने काफी पहले बेटी से मोबाइल छीन लिया था। उन्होंने देखा कि वह पति के मोबाइल से साथी से बात कर रही है। देवेंद्र व उसके परिजनों का कहना था कि उन लोगों को फंसा दिया गया है।

बेटी को झाड़ियों में ले गए और मारने का असफल प्रयास किया

एसपी देहात राजकुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि 23 अप्रैल की रात तोतराम सहित चार लोग बेटी की ससुराल रुके। सुबह नौ बजे तोताराम बेटे को लेकर बाइक से देवचरा आ गए। वहां से तेजाब लिया। इसकी तस्दीक दुकान मालिक ने भी की। फिर वापिस बेटी की ससुराल आ गए। वहां से शाम चार बजे बेटी को साथ लेकर दो बाइकों पर सवार होकर गांव को चल दिए। आराम से रास्ते में रुकते-रुकाते हुए झुमका तिराहे पर खाना खाया, जिसकी फुटेज भी पुलिस को मिली। रात करीब 12 बजे शंखा रोड पर पहुंचकर बेटी को झाड़ियों में ले गए। वहां उसका गला दबाकर मारने की असफल कोशिश की। उसको मरा मानकर उसके मुंह के अंदर, चेहरे व शरीर पर तेजाब डालकर सभी अपने घर चले गए।

मरणासन्न हालत में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। इमरजेंसी में उपचार करने वाले डॉ. एके सिंह ने बताया कि युवती का शरीर करीब 48 फीसदी झुलसा हुआ है। बताया कि तेजाब जैसा ही पदार्थ लग रहा है जो मुंह के रास्ते श्वास नली में होकर शरीर तक पहुंचा है। आंखें भी लगभग खराब हो गई थी।

कड़ियां जोड़ जोड़ किया पर्दाफाश

एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने सुबह जिला अस्पताल पहुंचकर पीड़ित का हाल देखा। फिर एसपी देहात के साथ घटनास्थल का मुआयना किया। भमोरा एसओ को भगवानपुर जाकर सच पता करने की जिम्मेदारी दी। एसओजी अस्पताल चौकी पर आए तोताराम व दूसरे परिजनों के पास सादा कपड़ों में खड़े रहकर हावभाव परखती रही। सर्विलांस सेल ने कई नंबरों की डिटेल निकालकर कड़ियां जोड़ दीं। एक टीम ने देवचरा बाजार से लेकर फतेहगंज पश्चिमी रोड तक के सीसीटीवी चेक कर ये तस्दीक की कि युवती परिवार के साथ ही बेफिक्र जा रही थी। ऐसे कई साक्ष्यों से घटना का करीब बारह घंटे में ही खुलासा हो गया।

परिवार के ही थे आरोपी

युवती के साथ हुई घटना में आरोपी परिवार के ही थे और पेशेवर नहीं थे, इसलिए जल्दी ही टूट गए। (Bareilly News) इनका बदला बयान और व्यवहार भी पुलिस की नजर में चढ़ गया। पिता सुबह काफी देर से जिला अस्पताल आया। शुरू में तो उसने कह दिया कि यह मेरी बेटी नहीं है। बाद में बेटी को पहचाना तो खुद को घटना से अनजान बताया। दामाद दिनेश ने खुद किनारा करते हुए घटना से अनभिज्ञता जताई। वहीं घटना में अजय का हाथ साबित करने की कोशिश कर पुराने घटनाक्रम के बारे में बताया। पीड़िता के हावभाव से भी पुलिस को क्लू मिल गया।

सप्ताह भर पहले शादी करने के दो दिन बाद ही मुन्नी देवी की हत्या की कोशिश की गई थी और हत्या का आरोप उसके साथी पर लगाने की तैयारी कर रखी थी। लेकिन पुलिस की जांच में यह साफ हो गया कि पिता, भाई और दो बहनोइयों ने मिलकर उसकी हत्या की कोशिश की।

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