संयुक्त राष्ट्र महासभा ने फिलिस्तीन बंटवारे को दी मंजूरी

India, Millions Dollar, UN Peace Establishment Fund, Peace

यहूदियों के लिए आज का दिन बहुत खास है क्योंकि इसी दिन संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें फिलिस्तीन से हटकर एक अलग देश बनाने की मंजूरी दी थी। 73 साल पहले 29 नवंबर, 1947 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने फिलिस्तीन को अरब और यहूदियों के बीच बांटने का प्रस्ताव पास किया था। उसके बाद 1948 में यहूदी राष्ट्र इजरायल का गठन हुआ था। बता दें कि यहूदियों को एक अलग राष्ट्र बनाने के लिए काफी संघर्ष और आंदोलन करने पड़े थे। इजराइल बनाने जाने में ब्रिटेन की बड़ी भूमिका रही थी। फिलिस्तीन पहले ब्रिटिश शासन के आधीन था। फिलिस्तीन एक समय में यहूदी, मुस्लिम और ईसाई तीनों धर्मों का एक प्रमुख स्थल था।

जब विश्व के हर हिस्से में राष्ट्रवाद का विचार तेजी से फैलने लगा, तब यहूदियों ने भी अपनी अस्मिता, अपने अस्तित्व, अपनी पहचान के लिए एक अलग देश बनाने की इच्छा जाहिर की। उनके मन में अपने पूर्वजों के देश इजराइल को दोबारा से आबाद करने की भावना जागने लगी, जहां उस वक्त ओटोमन शासकों का कब्जा था। उन्नीसवी सदी के मध्य से ही यहूदी इजराइल के रूप में अपनी एक राष्ट्र बनाने की मांग करने लगे, जिसे जिओनवाद भी कहा गया। चूंकि, उस वक्त फिलिस्तीन में मुस्लिम की आबादी उनसे ज्यादा थी, तो वे मांगों को पूरा नहीं करवा पाते थे। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन की ताकत थोड़ी कमजोर पड़ गई । इधर, यहूदी फिलिस्तीन में एक अलग देश बनाने की मांग को लेकर आये दिन दंगे और आंदोलन कर रहे थे।

एक तो ब्रिटेन दुनिया में कमजोर शक्ति हो गया था, दूसरी ओर यहूदियों के संघर्ष के चलते उन्हें खामखां जानमाल का नुकसान उठाना पड़ रहा था। लगातार होने वाले दंगों से तंग आकर ब्रिटेन ने खुद को फिलिस्तीन मामले से अलग कर लिया और 1945 में इस मामले को यूनाइटेड नेशन में सौंप दी। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने 29 नवंबर, 1947 को इज्ररायल बनाने का प्रस्ताव पास कर दिया। हालांकि, फिलिस्तीन ने बंटवारे की योजना को खारिज कर दिया था। उसके बाद दशकों से तनाव और हिंसा का दौर जारी है। फिलिस्तीनी अपने राष्ट्र के गठन के लिए गाजा पट्टी, वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम को देने की मांग कर रहे हैं। इन क्षेत्रों पर 1967 के युद्ध में इजरायल ने कब्जा कर लिया था।

 

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।