अमेरिकी राष्ट्रपति का अफगानिस्तान को लेकर बड़ा बयान: आतंक के खिलाफ हमारा अभियान जारी रहेगा

वाशिंगटन (एजेंसी)। अफगानिस्तान पर तालिबान कब्जे के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन चारों तरफ से घिर गए है। उनके एक फैसले से पूरी दुनिया में सकते में है। इस समय अफगानिस्तान में हालात बहुत चिंताजनक है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक बार फिर से बयान दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि तालिबान आतंकी के खिलाफ अमेरिका का अभियान जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि अगर तालिबान ने अमेरिकी सेना पर हमला किया तो अंजाम बहुत बुरा होगा। बाइडेन ने कहा कि अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकी और अफगानी नागरिकों को वहां से निकालने का अभियान बेहद जोखिम भरा है और इसमा अंतिम नतीजा क्या होगा ये कहा नहीं जा सकता। व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉफ्रेंस में बाइडेन ने कहा कि हमारी कोशिश है कि अफगानी नागरिकों को काबुल एयरपोर्ट का एक्सेस दिलाया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि हर एक अमेरिकी नागरिको जो अफगानिस्तान से वापसी चाहता है उसको वापस लाया जाएगा। साथ ही मेरी सरकार उन अफगानी को भी वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है जिन्होंने 20 वर्ष तक जंग के दौरान हमारा दिया था। इन सभी को सुरक्षित निकालने के लिए वहां 6 हजार अमेरिकी सैनिक मौजूद है।

नाटो ने अफगानिस्तान के लिए समर्थन निलंबित किया

उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने अफगानिस्तान के लिए सभी समर्थन को निलंबित कर दिया है तथा भावी सरकार को अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के निर्वहन और मानवाधिकारों की रक्षा करने पर जोर दिया है। नाटो के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को एक संयुक्त बयान में कहा, ‘मौजूदा परिस्थितियों में नाटो ने अफगानिस्तान के लिए सभी समर्थन को निलंबित कर दिया है। किसी भी भावी अफगानी सरकार को अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का पालन तथा सभी अफगानों, विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों की रक्षा करना चाहिए। वहीं कानून के शासन को बनाये रखने के साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अफगानिस्तान फिर कभी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह न बने।

अफगानिस्तान में पाकिस्तान की विशेष जिम्मेदारी : स्टोलटेनबर्ग

उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने शुक्रवार को कहा कि भविष्य में अफगानिस्तान में स्थिति के लिए पाकिस्तान की विशेष जिम्मेदारी है। स्टोलटेनबर्ग ने नाटो विदेश मंत्रियों की आपातकालीन बैठक के बाद कहा, ‘जब पाकिस्तान की बात आती है, तो मुझे लगता है कि उसकी एक विशेष जिम्मेदारी है, क्योंकि पाकिस्तान अफगानिस्तान का पड़ोसी है और उसके पाकिस्तान के तालिबान के साथ घनिष्ठ संबंध भी हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि पाकिस्तान की विशेष जिम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करे कि अफगानिस्तान अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं पर खरा उतरे और यह भी कि अफगानिस्तान एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह न बने।

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