अमेरिका जल्द ही पूर्वी यूरोप, नाटो देशों में भेजेगा सेना : बाइडेन

Joe Biden

वाशिंगटन (एजेंसी)। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा अमेरिका जल्द ही पूर्वी यूरोप और नाटो सदस्य देशों में सैनिकों को भेजेगा। व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी। बाइडेन से शुक्रवार शाम को यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ते तनाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं निकट भविष्य में अमेरिकी सैनिकों को पूर्वी यूरोप और नाटो देशों में भेजूंगा।

जर्मनी को अविश्वनीय भागीदार के तौर पर देखा

अमेरिका जर्मनी को रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर उसके मौन रहने पर उसे एक अविश्वसनीय भागीदार के तौर पर देख रहा है। जर्मनी में अमेरिकी राजदूत एमिली हैबर ने इस पर वहां के विदेश मंत्रालय को एक पत्र भेजा है। मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आ रही हैं।

स्पीगल इंटरनेशनल के अनुसार सुश्री हैबर ने कहा कि न केवल अमेरिकी मीडिया, बल्कि कांग्रेस ने भी जर्मनी को रूस के खिलाफ प्रतिबंधों के लिए मौन रहने पर आश्चर्य व्यक्त किया। अमेरिकी राजदूत ने कहा कि यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति रोकने के जर्मन के निर्णय को भी अमेरिका ने निराश करने वाला फैसला करार दिया है। सुश्री हैबर ने पत्र की शुरूआत में लिखा ‘बर्लिन, हमारी एक समस्या है’ असल में बात यह है कि जर्मनी का रुख रूस से सस्ती गैस खरीदने की इच्छा के तौर पर देखा जा रहा है।

अमेरिका-फ्रांस के रक्षा मंत्री ने नाटो को मजबूत करने पर चर्चा की

अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड आॅस्टिन और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने यूक्रेन संकट के बीच नाटो सहयोगियों एवं गठबंधन को मजबूत करने की जरूरत पर फोन पर चर्चा की। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने यह जानकारी दी। किर्बी ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि रक्षा मंत्री लॉयड जे. आॅस्टिन तृतीय ने आज फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली से फोन पर बात की।

उन्होंने संभावित रूसी हमले का सामना करने के लिए नाटो सहयोगियों की एकता प्रदर्शित करने और गठबंधन को मजबूत करने की निरंतर जरूरत पर भी चर्चा की। किर्बी ने कहा आॅस्टिन और सुश्री पार्ली ने पश्चिम सीमा और बेलारूस में रूस की बढ़ती सैन्य गतिविधियों पर चर्चा की। अमेरिका के रक्षा मंत्री आॅस्टिन ने नाटो के पूर्वी हिस्से के नजदीक और साहेल में आतंकवाद विरोधी प्रयासों में नेतृत्व की भूमिका के लिए फ्रांस को धन्यवाद दिया।

ये है मामला

अमेरिका और उसके सहयोगियों ने यूक्रेन पर हमले की तैयारी के लिए रूस पर सैनिकों और सैन्य उपकरणों को सीमा पर इकट्ठा करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करने का फैसला करता है तो अमेरिका रूस पर कड़े प्रतिबंध लगा देगा।

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