तरावड़ी (सच कहूँ न्यूज)। नेत्रदान महादान और मरके भी जिंदा रहने की महान परम्परा के रास्ते पर आगे बढ़ते हुए तरावड़ी निवासी 91 वर्षीय वीरभान रावल ने मृत्यु उपरांत आंखें दान करके अंधेरे में जीवन जी रहे दो अज्ञात व्यक्तियों के जीवन में छाए अंधेरे को रोशनी प्रदान करने का नेक काम किया। नागरिक अस्पताल के नेत्र विभाग की नेत्रदान टीम की नोडल अधिकारी डॉ. नीतिका भटनागर,डॉ. रजनीश व डॉ. मंजीत ने बताया कि उन्हें तरावड़ी निवासी अशोक कुमार रावल ने सूचना दी कि उनके पिता जी की हार्ट अटैक से मृत्यु हो गयी है और पिताजी की इच्छा अनुसार उनकी आंखें दान करनी है।
सिविल सर्जन डॉ. योगेश शर्मा तथा प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीयूष शर्मा ने सूचना पाते ही विशेष कार्यवाहक मुख्य नेत्राधिकारी अनिल कुमार, नेत्रदान परामर्शदात्री सुमन रानी तथा सहायक अंकित को तरावड़ी पहुंच कर रावल परिवार से सम्पर्क करके नेत्रदान की तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दिए।
सहायक नेत्राधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि उन्होंने तरावड़ी पहुंचकर वीरभान रावल की मृत्यु पर शौक व्यक्त किया और परिवार को सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि परिवार की सहमति से आंखें दान करने की घटना को मानवता की सेवा के लिए बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि रावल परिवार के वीरभान की वजह से एक इंसान को दुनिया देखने का सपना साकार हो गया है।
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