Lok Sabha Election : 20 राज्‍यों की 91 लोकसभा सीट पर मतदान शुरू

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सुबह से ही मतदान केंद्रों में लंबी लाइनें लगी हैं।

नई दिल्ली(सच कहूँ)। 17वें लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है। कुल सात चरणों में होने जा रहे आम चुनावों के लिए आज पहले चरण में 20 राज्यों की कुल 91 लोकसभा सीटों पर मतदान किया जा रहा है। सुबह सात बजे से सभी केंद्रों पर सुचारू मतदान शुरू हो चुका है। अब तक कहीं से किसी तरह की गड़बड़ी या समस्या की खबर नहीं आई है। लोकतंत्र के महापर्व में सुबह से ही मतदाताओं का जबरदस्त उत्साह दिख रहा है। सुबह मतदान शुरू होने से पहले ही ज्यादातर केंद्रों पर वोटरों की लंबी लाइनें लग चुकी थीं।

पहले चरण में आंध्र प्रदेश की सभी 25, तेलंगाना की सभी 17, असम की 5, बिहार की 4, ओडिशा की 4, छत्तीसगढ़ की 1, जम्मू कश्मीर की 2, महाराष्ट्र की 7, अरुणाचल की 2, मणिपुर की 2, मेघालय की 2, नगालैंड, मिजोरम, सिक्किम व त्रिपुरा की 1-1, उत्तर प्रदेश की 8, उत्तराखंड की 5, अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप की 1-1 और पश्चिम बंगाल की 2 लोकसभा सीटों के लिए मतदान किया जा रहा है।

पहले चरण में 8 संसदीय सीटों पर 96 प्रत्याशी मैदान में हैं।

पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना, मुजफ्फरनगर सहित 8 संसदीय सीटों पर होगी, जहां 96 प्रत्याशी मैदान में हैं। वहीं, बिहार की गया, नवादा, औरंगाबाद और जमुई, जम्मू-कश्मीर की बारामुला-कुपवाड़ा और जम्मू-पुंछ, पश्चिम बंगाल की कूचबिहार और अलीपुरद्वार व छत्तीसगढ़ की बस्तर सीट भी खास हैं। इस चरण में बड़े दलों के कई नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद हो जाएगा। 91 सीटों के लिए कुल 1279 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें से 559 निर्दलीय हैं, जबकि 89 महिला उम्मीदवार हैं। 37 लोकसभा क्षेत्रों को संवेदनशील घोषित किया गया है।

सर्वाधिक 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से की कुल आठ सीटों- कैराना, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर पर पहले चरण में वोटिंग हो रही है। पिछले दो आम चुनावों की बात करें तो उप्र में पहले चरण का चुनाव ट्रेंड सेट करता रहा है। यहां का रुझान पूरे चुनाव की दशा-दिशा तय कर देने वाला साबित होता रहा है। यही वजह है कि इस बार भी इस क्षेत्र पर सबकी निगाहें लगी हैं।

2014 में प्रथम चरण की सभी आठ सीटों सहारनपुर, कैराना, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, बागपत, गौतमबुद्ध नगर व गाजियाबाद में भाजपा का एकछत्र परचम फहराया था। चौधरी चरण सिंह परिवार का अभेद्य किला भी ध्वस्त हो गया था और बसपा के दलित-मुस्लिम समीकरण की हवा निकल गई थी।

लेकिन, कैराना में भाजपा सांसद हुकुम सिंह के निधन से रिक्त सीट पर उप चुनाव में विपक्षी एकता के सहारे रालोद की जीत हुई। भाजपा के लिए 2014 का प्रदर्शन फिर से दोहराना चुनौती राज्य के बदले सियासी हालात में सपा व बसपा गठजोड़ में रालोद के शामिल होने से भाजपा के लिए 2014 का प्रदर्शन फिर से दोहराना चुनौती होगा। गठबंधन भाजपा की राह में कांटे बिखेर रहा है तो कांग्रेस भी मुकाबलों को दिलचस्प बना रही है। सभी दलों के शीर्ष नेताओं की ताबड़तोड़ सभाएं और रोड़ शो ने सियासी पारा काफी बढ़ा दिया है।

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