संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी को मान्यता कब

Hindi Recognized in United Nations

अंतरराष्ट्रीय सहयोग, सुरक्षा, आर्थिक विकास, मानवाधिकार, सामाजिक प्रगति और विश्व शांति के सबसे बड़े तंत्र की स्थापना आज ही के दिन हुई थी। 24 अक्टूबर 1945 को 50 देशों के हस्ताक्षर के साथ संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय संघर्ष की स्थिति में हस्तक्षेप के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र को खड़ा किया गया। इस समय 193 देश इसके सदस्य हैं। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद 1929 में राष्ट्र संघ का गठन किया गया था जो प्रभावशाली नहीं हो सका और दूसरा विश्व युद्ध हो गया। दूसरे विश्वयुद्ध के खत्म होने पर, 25 अप्रैल 1945 को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन हुआ।

यहां मौजूद 50 देशों की सरकारों और कुछ गैर सरकारी संगठनों ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र अधिकार पत्र पर सहमति जताई। सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी देशों फ्रांस, चीन, सोवियत संघ, ब्रिटेन और अमेरिका के हस्ताक्षर के बाद 24 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र अस्तित्व में आया। संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में है। इसकी छह आधिकारिक भाषाएं हैं जिनमें अंग्रेजी, फ्रेंच, रूसी, चीनी, अरबी और स्पेनी शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र में किसी भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दिए जाने के लिए कोई विशिष्ट मानदंड नहीं है।

किसी भाषा को संयुक्त राष्ट्र में आधिकारिक भाषा के रूप में शामिल किए जाने की प्रक्रिया में संयुक्त राष्ट्र महासभा में साधारण बहुमत द्वारा एक संकल्प को स्वीकार करना और संयुक्त राष्ट्र की कुल सदस्यता के दो तिहाई बहुमत द्वारा उसे अंतिम रूप से पारित करना होता है। भारत काफी लम्बे समय से यह कोशिश कर रहा है कि हिंदी भाषा को संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषाओं में शामिल किया जाए। भारत का यह दावा इस आधार पर है कि हिन्दी, विश्व में बोली जाने वाली दूसरी सबसे बड़ी भाषा है और विश्व भाषा के रूप में स्थापित हो चुकी है। भारत का यह दावा आज इसलिए और ज्यादा मजबूत हो जाता है क्योंकि आज का भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के साथ-साथ चुनिंदा आर्थिक शक्तियों में भी शामिल हो चुका है।

 

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