जब जम्मू कश्मीर का भारत में हुआ विलय

Jammu Kashmir

भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद पाकिस्तान की ओर से हमला होने पर मुस्लिम बहुल राज्य जम्मू कश्मीर के हिंदू राजा ने इसी दिन भारत के साथ जाना तय किया। राजा हरि सिंह जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय करने पर सहमत हुए। 1947 में महाराजा हरी सिंह के अपने राज्य को भारत के साथ मिलाने के समझौते पर दस्तखत करने के साथ ही भारतीय सेना जम्मू कश्मीर पहुंच गई और पाकिस्तान की ओर से आए हमलावरों के साथ जंग शुरू हो गई। इसे बीच में ही रोक देना पड़ा जिसके बाद कश्मीर का कुछ हिस्सा पाकिस्तान के नियंत्रण में चला गया। हालांकि पाकिस्तान और उस इलाके के लोग उसे आजाद कश्मीर कहते हैं। बाकी हिस्से पर भारत का कब्जा रहा।

तभी से कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच नासूर बना हुआ है। पाकिस्तान इसे कश्मीरियों की आजादी का मसला बता कर नैतिक समर्थन देने की बात करता है तो भारत इसे अपने अंदरूनी मामले में दखल मानता है। दोनों देश एक दूसरे से अपनी मांग छोड़ने की जिद पर अड़े हुए हैं और कश्मीर की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अपने को भारत पाकिस्तान के बीच बंटा पाता है तो दूसरा शरणार्थी शिविरों में। सरकारें बदल रही हैं, समझौते की कोशिश करते करते तीन लड़ाइयां भी हो गईं लेकिन हल तो दूर मामला कभी ठंडा भी नहीं पड़ता। अक्सर सरहद पर फिर खून बहा है जैसी कहानियों के साथ रातें भोर में बदलती हैं।

 

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।