महिला पशुपालकों ने सीखे आय बढ़ाने के गुर

पशुधन की गुणवत्ता में सुधार और उत्पादन में वृद्धि के लिए दिया प्रशिक्षण

  • 50 महिलाओं को वितरित किए प्रमाण पत्र

भिवानी (सच कहूँ न्यूज)। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय हिसार व पशु विज्ञान केन्द्र भिवानी द्वारा जिले के गाँव बीरण में कृषक महिलाओं के ज्ञान एवं कौशल विकास द्वारा पशुधन उत्पादकता व आय वृद्धि के उद्देश्य से 2 फरवरी से शुरू हुए पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का सोमवार को समापन किया गया। पाँच दिवसीय शिविर के दौरान पशुपालकों को दुधारू पशुओं में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हेतु संतुलित पशु आहार बनाने की विधि भी बताई गई।

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प्रशिक्षण शिविर के दौरान विशेषज्ञों ने महिला पशुपालकों से नवीन तकनीकों को सीखकर अपनाने की बात कही। इसके साथ ही पशुओं में होने वाली बीमारियों, उनसे बचाव के उपाय, पशुओं में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि तथा पशु नस्ल सुधार हेतु अपनाए जाने वाले उपायों पर विस्तृत रूप से जानकारी दी। प्रशिक्षण शिविर के समापन के अवसर पर डॉ. योगेंद्र, डॉ. अमन गोयत, लैब अटेंडेंट राकेश व जोगेंद्र फौगाट ने 50 महिला किसानों को 5 किलोग्राम के मिनिरल मिक्सर व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।

इस मौके पर डॉ. योगेंद्र व डॉ. अमन गोयत ने कहा कि पांच दिवसीय इस प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य महिला किसानों को पशुपालन संबंधी एवं सरकार द्वारा लागू की जा रही योजनाओं की जानकारी देकर उनकी आय में वृद्धि करना था। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों व पशुपालकों की आय बढ़ाने संबंधी कई कदम उठाए जा रहे हैं, जिनका उद्देश्य किसानों व पशुपालकों का जीवन स्तर ऊंचा उठाना है। उन्होंने कहा कि भूमिहीन एवं छोटे किसानों के लिए पशुपालन एक लाभकारी व्यवसाय है, जिसमें किसान गाय-भैंस की उन्नतशील नस्लों का चुनाव करके तथा चारा-दाना एवं रोग प्रबंधन की समुचित व्यवस्था करके लाभकारी बना सकते हैं तथा एक बेहतर आय का स्त्रोत प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से महिला किसानों में जागरूकता आती है तथा उन्हें अपन आय बढ़ाने बारे जानकारी प्राप्त होती है।

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