थर्मल बंद करने से भड़के कर्मचारी

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संघर्ष की चेतावनी: ‘फैसला लागू किया तो सरकार की ईंट से ईंट खड़का देंगे’

भटिंडा (अशोक वर्मा)। पंजाब की कैप्टन सरकार द्वारा भटिंडा थर्मल प्लांट सहित सरकारी क्षेत्र के ताप बिजली घरों को बंद करने की रिपोर्टों से भड़के पॉवरकाम से संबंधित कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि यह फैसला लागू किया गया तो सरकार की ईंट से ईंट खड़का दी जाएगी।

संयुक्त फोर्म इंप्लाईज गुरू नानक देव थर्मल प्लांट के आह्वान पर इन ताप बिजली घरों के कर्मचारी घनईया चौक में एकत्रित हुए और सरकार का पिट सियापा किया।

पीएसईबी इंप्लाईज संयुक्त फोर्म के नेता गुरसेवक सिंह संधू व संयुक्त फोर्म बटिंड़ा थर्मल के प्रकाश सिंह ने कर्मचारियों को संबोधन करते हुए कहा कि चुनाव के समय कैप्टन अमरेन्द्र सिंह व मनप्रीत सिंह बादाल ने वायदा किया था कि सरकारी थर्मलों की चिमनियों से पुन: धूंआ निकलेगा, बिजली खरीदने के लिए राज्य के खिलाफ किए समझौते रद्द किए जाएंगे,

परंतु अपने वायदे के विपरीत अब गुजरात प्राईवेट कंपनी से बिजली खरीद का समझौता किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि असल में पंजाब की नई सरकार ने पुराना रास्ता पकड़ा लिया है, जिसका उद्देश्य धनाढ्य कंपनियों द्वारा लगाए निजी ताप बिजली घरों को सफल करने के लिए सरकारी प्रोजेक्टों को कुर्बान करना है।

इसी कारण सरकार के इशारे पर पावरकॉम के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स ने सरकारी क्षेत्र के थर्मलों को पक्के तौर पर बंद करके भोग डालने की तजवीज तैयार की है।

घनईया चौक में किया सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

उन्होंने कहा कि विधान सभा चुनाव से पहले जब कर्मचारी संगठनों, किसान मजदूर व संगयोगी संगठनों ने उस समय के अकाली विधायक सरूप चंद सिंगला की रिहायश के आगे धरना दिया था तो पुलिस जबर के बावजूद अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे लोगों के आक्रोश को देख यह फैसला टाल दिया गया था, जिसे कैप्टन सरकार फिर से लागू करने जा रही है।

गुरू नानक देव थर्मल प्लांट इंप्लाईज फैडरेशन के नेता जसविन्द्र सिंह बराड़ ने आरोप लगाए कि पंजाब में विशेषज्ञ इंजीनियरों, हुनरमंद कर्मचारियों पर कर्ज की सुविधा के बावजूद सार्वजनिक क्षेत्र में ताप बिजली घर न लगाना साबित करता है कि सरकार की नीयत में खोट था।

उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार के उक्त फैसले से हजारों कर्मचारियों का भविष्य पर संकट पैदा हो जाएगा। इस लिए इस फैसले को किसी भी कीमत पर लागू होने नहीं दिया जाएगा।

मुलाजिम नेता नैब सिंह औलख ने कहा कि नई सरकार ने रपड़ ताप बिजली घर की स्टेज वन को बंद करने की तजवीज लाकर अकाली-भाजपा सरकार के नादरशाही फरमानों को भी मात दे दी है।

वित्त मंत्री नए प्रोजेक्ट लाने व मुख्यमंत्री घर-घर नौकरी देने के वायदे कर रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ थर्मल कर्मचारियों से रोजगार छीनने के प्रयास किए जा रहे हैं, किन्तु कर्मचारी सरकार को अपने कर्मचारी विरोधी प्रयासों में कभी सफल नहीं होने देंगे।

इस मौके मुलाजिम नेता दूध नाथ, रघबीर सिंह सैनी, अमित गर्ग व पवनप्रीत सिंह ने मांग की कि सरकार यह फैसला वापिस ले, अन्यथा उसे तीव्र संघर्ष का सामना करना पड़ेगा।

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