रोहतक। रोहतक के पंडित भगवत दयाल शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (PGIMS) में वीरवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब एक फर्जी डॉक्टर को इलाज करते हुए पकड़ा गया। आरोपी की पहचान सोनीपत के निजामपुर माजरा निवासी साहद के रूप में हुई है, जो मात्र 12वीं पास है और मेडिकल की कोई डिग्री नहीं रखता।
इंटर्न दोस्त की जगह कर रहा था काम
जानकारी के अनुसार, साहद अपने दोस्त कृष्ण (निवासी – कंसाला, रोहतक) की जगह ड्यूटी कर रहा था। कृष्ण PGI में ऑर्थोपेडिक विभाग में इंटर्न है। वीरवार को साहद ने इंटर्न के रूप में माइनर ऑपरेशन थिएटर (ओटी) में ड्यूटी की।
सीनियर डॉक्टर को हुआ संदेह
PGI के सीनियर डॉक्टर को साहद के व्यवहार और काम करने के तरीके पर संदेह हुआ। उन्होंने साहद से उसका नाम, पता और पहचान पत्र मांगा। जांच के दौरान साहद ने अपने मोबाइल में एप्रन पहने हुए अपनी फोटो दिखाई और खुद को इंटर्न डॉक्टर बताने की कोशिश की, लेकिन सवाल-जवाब में वह फंस गया।
गांव के व्यक्ति ने किया पहचान
ओपीडी में इलाज के लिए आए एक मरीज के परिजन ने साहद को पहचान लिया। उसने सीनियर डॉक्टर को बताया कि साहद उनके गांव का रहने वाला है और डॉक्टर नहीं है। इस जानकारी के बाद सीनियर डॉक्टर ने संबंधित चिकित्सक को बुलवाया और साहद से कड़ी पूछताछ की।
सच आया सामने
पूछताछ में साहद ने कबूल किया कि उसने 12वीं पास करने के बाद पेशेंट केयर असिस्टेंट (PCA) का डिप्लोमा किया है। मेडिकल डिग्री न होते हुए भी वह अपने दोस्त कृष्ण की जगह ड्यूटी देने आया था। उसने यह भी बताया कि कृष्ण फिलहाल विदेश से पढ़ाई करके लौटा है और दोनों की दोस्ती पुरानी है।
पुलिस ने किया गिरफ्तार
PGI प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल PGI थाना पुलिस को सूचना दी। थाना प्रभारी रोशन लाल ने बताया कि साहद को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया है। साथ ही, इंटर्न कृष्ण पर भी कार्रवाई की जाएगी।
एनएमसी को भी भेजी जाएगी शिकायत
PGI प्रशासन ने कहा है कि यह मामला बेहद गंभीर है क्योंकि मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया गया है। इंटर्न की जगह ड्यूटी देने के मामले में नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) को भी शिकायत भेजी जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों पर कड़ी कार्रवाई हो सके।
फर्जी डॉक्टर के खतरे
अस्पतालों में फर्जी डॉक्टरों का काम करना मरीजों की सेहत और जान के लिए बड़ा खतरा है। बिना अनुभव और डिग्री के इलाज करने से गंभीर गलतियां हो सकती हैं, जो मरीज की जान भी ले सकती हैं। यही कारण है कि मेडिकल संस्थान ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाते हैं।
जांच जारी
पुलिस का कहना है कि फिलहाल यह सामने आया है कि साहद दोस्ती में ड्यूटी देने आया था, लेकिन यह भी जांच की जा रही है कि क्या वह पहले भी ऐसी हरकत कर चुका है या किसी अन्य अस्पताल में फर्जी डॉक्टर के रूप में काम किया है।
संक्षेप में मुख्य बिंदु
आरोपी: साहद, निवासी निजामपुर माजरा (सोनीपत)
योग्यता: 12वीं पास + पेशेंट केयर असिस्टेंट डिप्लोमा
दोस्त: कृष्ण, निवासी कंसाला (रोहतक), ऑर्थोपेडिक विभाग का इंटर्न
घटना: माइनर ओटी में इंटर्न की जगह ड्यूटी करते हुए पकड़ा गया
कार्रवाई: पुलिस ने केस दर्ज कर गिरफ्तार किया, NMC को शिकायत भेजने की तैयारी
खतरा: बिना डिग्री मरीजों का इलाज – गंभीर स्वास्थ्य जोखिम