राजस्थान विधानसभा में रीट परीक्षा मुद्दे पर चर्चा के बाद भी गतिरोध रहा जारी

Rajasthan Assembly
Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा का नया सत्र जनवरी में हो सकता है शुरु!

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) पेपर लीक मामले पर सदन में दो घंटे की चर्चा के बाद इस मामले में सरकार के जवाब से विपक्ष के सदस्यों के संतुष्ट नहीं होने से गतिरोध जारी रहा। गतिरोध समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष डा सी पी जोशी ने प्रश्नकाल में ही पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर देने के बाद इस मामले पर चर्चा कराने की सहमति बनी। आज प्रश्नकाल नहीं हुआ और इस मामले पर चर्चा हुई लेकिन इस पर सरकार के जवाब से विपक्ष लोकतांत्रिक के सदस्य संतुष्ट नहीं हुए। उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने खड़े होकर कहा कि सरकार उनके एक भी सवाल का जवाब नहीं दे पाई। इस मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के सदस्य वेल में आ गये और नारेबाजी करने लगे और अपना विरोध जारी रखा। वे वेल में ही बैठ गये। बाद में अपराह्न करीब पौने दो बजे विपक्ष के सदस्य ने पूरे दिन के लिए सदन का बर्हिगमन कर गये।

इससे पहले संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने जवाब में कहा कि कहा कि भाजपा के शासन में भी पेपर लीक के मामले सामने आये उस समय इन लोगों ने सीबीआई जांच क्यों नहीं करवाई। उन्होंने कहा कि सब लोग जानते हैं कि सीबीआई के बारे में उच्चत्तम न्यायालय ने क्या कहा है, सीबीआई तो पिंजरे का तौता हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग इस मामले की जांच सीबीआई से इसलिए करवाने चाहते हैं ताकि जांच इनके हाथ में आ जाये। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोगों ने राज्य की एसओजी की तारीफ भी की है और जांच भी बदलवाना चाहते हैं। इस मामले की जांच सीबीआई को देने का मतलब हैं इस मामले को गड्डे में फैंकना है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन के समय इस तरह के 25 मुकदमें दर्ज हुए और अगर एसओजी बेकार संस्था है तो उसे जांच क्यों दी गई। एक मामले में तो जांच एसओजी को ही नहीं दी। उन्होंने कहा कि एसओजी ने तो मुख्यमंत्री से लेकर कई विधायकों सहित 18 लोगों को नोटिस दिए हैं तो वह इस मामले में जांच क्यों नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि मानते हैं कि गलती हुई हैं, खुद को भी स्वीकार करना चाहिए।