पानीपत। प्रदेश में साइबर ठगी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब पानीपत में साइबर ठगों ने एक महिला और एक पुरुष को झांसे में लेकर हजारों रुपये का चूना लगा दिया। महिला को जहां बैंककर्मी बनकर ठगा गया। वहीं पुरुष को पंतजलि योगपीठ हरिद्वार का कर्मचारी बनकर धोखाधड़ी की गई। पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज जांच शुरू कर दी है।
बैंककर्मी बन महिला को झांसे में लिया
सिटी थाना पुलिस को दी शिकायत में न्यू भगत नगर तहसीली कैंप निवासी रेणु बाला ने बताया कि 29 अप्रैल को वह लालबत्ती पर अपने पति के साथ खड़ी थी। इसी दौरान उसके मोबाइल फोन पर एक फोन कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को बैंककर्मी बताते हुए 10 लाख का लोन दिलाने की बात कही। उसकी बात सुनने पर रेणु के पति ने कहा कि उसे भी लोन की जरूरत है। इसके बाद दंपत्ति ने उस कथित बैंककर्मी से संपर्क साधा। ठग ने उन्हें एक आॅनलाइन खाता खुलवाने के लिए कहा।
उसने कहा कि वो नए खाते में ही लोन की रकम डलवा देगा। रेणु के पति ने भी उसी समय एक निजी बैंक का आॅनलाइन अकाउंट खुलवा लिया। इसके बाद साइबर ठग ने कहा कि इस खाते में 50500 रुपए जमा करवा दो। महिला के पति ने 50500 रुपए खुद बैंक जाकर उक्त खाते में जमा करवाए। 30 अप्रैल को उस खाते में से ठग ने 50 हजार रुपए धोखाधड़ी करके निकाल लिए।
पंतजलि कर्मचारी बन लगाया चूना
ऐसे ही एक मामला समालखा थाना पुलिस के सामने आया है। मॉडल टाउन समालखा निवासी शिव कुमार ने शिकायत देते हुए बताया कि उसकी सास कांता रानी मोगा (पंजाब) में रहती है। उनकी तबियत खराब होने के चलते इलाज के लिए गूगल पर आॅनलाइन पंतजलि योग ग्राम हरिद्वार में कमरा बुक करवाने की सोची। इस दौरान उनका संपर्क 24 मार्च को एक मोबाइल नंबर पर डॉ. सचिन अग्रवाल नाम के व्यक्ति से हुआ। सचिन ने कहा कि वह पंतजलि योग ग्राम हरिद्वार से बोल रहा है। वह कमरा बुक करा देगा।
उसने पहले 4 हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 28000 रुपए एक हफ्ते के बताए और 8 हजार रुपए डिस्काउंट बताकर 20 हजार रुपए एक खाते में जमा करवा लिए। उसने व्हाट्सऐप पर रुपए की रसीद और कमरा बुकिंग की रसीद भेज दी। उसने बाद में 7 हजार रुपए मेडिकल के लिए और मांगे। जब उसे इस मामले में संदेह हुआ तो पंतजलि हरिद्वार में जाकर अपने तौर पर छानबीन की। तब पता चला कि उससे धोखाधड़ी हुई है।















