डॉ. शिवानी गुप्ता के नाम पर नागरिक अस्पताल में टीबी जांच लैब स्थापित

TB Testing Lab

अब टीबी के मरीजों के साथ रहने वालों की भी होगी टीबी जांच

  • टीबी मरीजों के साथ रहने वालों में टीबी होने के 80 फीसदी चांस

गुरुग्राम(सच कहूँ/संजय मेहरा)। नागरिक अस्पताल सेक्टर-10 में उन लोगों में टीबी संक्रमण जांच के लिए आईजीआरए प्रयोगशाला (TB Testing Lab) स्थापित की गई है, जो अक्सर टीबी के मरीजों के सम्पर्क में रहते हैं। बुधवार को इस आईजीआरए लैब का उद्घाटन स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा की महानिदेशक डॉ. सोनिया त्रिखा ने किया। यह लैब डॉ. शिवानी गुप्ता के नाम पर स्थापित की गई है। इसे डॉ. शिवानी गुप्ता मैमोरियल आईजीआर लैब नाम दिया गया। बता दें कि हाल ही में डा. गुप्ता का जींद के पास सड़क हादसे में बेटे के साथ निधन हो गया था। बुधवार को उनकी 13वीं के दिन यह लैब शुरू हुई।

डॉ. सोनिया त्रिखा ने सिविल सर्जन डॉ. विरेंद्र यादव, प्रधान चिकित्सा अधिकारी नागरिक अस्पताल सेक्टर-10 डा. दीपा संधु समेत अस्पताल के डॉक्टर्स व अन्य स्टाफ की मौजूदगी में डा. शिवानी गुप्ता मैमोरियल आईजीआर लैब का उद्घाटन किया। इस दौरान उप-सिविल सर्जन (टीबी) डा. केशव शर्मा, उप-चिकित्सा अधीक्षक (डीएमएस) डा. मनीष राठी, डीएमएस डा. नीरज यादव, डब्ल्यूएचओ सलाहकार डा. सुखवंत सिंह, डा. विरेंद्र बसवाना, डा. जय सिंह मलिक, डा. अलका सिंह, डा. मिनीक्ष बसवाना, डा. वरुण यादव, डा. अरुण, डा. रंजना, डा. अनुराग, डा. मनीषा, डा. मोनिका मौजूद रहे।

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फेफड़े की टीबी के अब तक 2815 केस मिले

डा. केशव ने बताया कि जनवरी-2022 से अब तक फेफड़े की टीबी के करीब 2815 केस मिले हैं। इन केसों के संपर्क में आने वाले लोग चार से पांच गुणा तक हो सकते हैं। इस तरह साल के अंत तक करीब 4000 केस होंगे। ऐसे में 16 हजार से 20 हजार आईजीआरए टेस्ट साल में किए जा सकते हैं। इतने लोगों का संक्रमण रोककर उनका इलाज टीबी होने से पहले ही कर दिया जाएगा। इससे टीबी के मरीजों की संख्या को बढ़ने से रोका जा सकेगा।

ब्लड सेंपल से की जाएगी टीबी जांच

इस आईजीआरए लैब में ब्लड सेंपल से जांच करके संक्रमण का पता लगाया जाएगा। टीबी मरीजों के साथ घरों में रहने वाले पांच साल से ऊपर के लोगों की यहां जांच होगी। इस जांच से पता चलेगा कि उन लोगों में टीबी पूरी तरह से विकसित नहीं हुई है, लेकिन संक्रमण है। संक्रमण का पता चलते ही उन लोगों की भी टीबी की दवा शुरू कर दी जाएगी। उनका छह महीने तक उपचार चलेगा। डा. केशव का कहना है कि टीबी मरीजों के साथ रहने वाले 80 फीसदी लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा रहता है।

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