‘फरिश्ते’ बचाएं सड़क हादसों में जान, होंगे सम्मानित, मिलेगा 2 हजार रूपये इनाम

Bhagwant Mann Sachkahoon

सीएम भगवंत मान ने किया ऐलान, कहा-पुलिस से घबराएं नहीं, जान बचाओगे तो मिलेगा फरिश्ते का तमगा

  • हर साल 15 अगस्त व 26 जनवरी को होंगे सम्मानित फरिश्ते

चंडीगढ़। (सच कहूँ/अश्वनी चावला) पंजाब में सड़क हादसे दौरान जिदंगी गंवाने वाले लोगों की जान अब ‘फरिश्ते’ बचाएंगे। यह ‘फरिश्ते’ कोई और नहीं बल्कि सड़क हादसे के पास से गुजर रहा कोई आम व्यक्ति ही होगा, जोकि हादसे में गंभीर घायल की जान बचाने के साथ ही ‘फरिश्ते’ का तमगा प्राप्त कर लेगा। आम तौर पर सड़क हादसे में लोग पुलिस के चक्कर में किसी की जान बचाने के लिए आगे नहीं आते व अस्पताल नहीं पहुंचने से घायल की तक हो जाती है, जिसे देखते हुए अब सीएम मान ने ‘फरिश्ता’ योजना चलाने का ऐलान कर दिया है, जिससे पंजाब में जान बचाने वाले व्यक्ति को पुलिस के पास किसी भी तरह का ब्यान दर्ज करवाने के लिए नहीं आना पड़ेगा व ‘फरिश्ते’ का तगमा मिलने के साथ ही उसे सरकार द्वारा सम्मानित करते हुए 2 हजार रुपये भी नगद इनाम के रूप में दिए जाएंगे।

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जानकारी के अनुसार पंजाब की सड़कों पर रोजाना 50 से अधिक सड़क हादसे हो रहे हैं। जिनमें रोजाना 13 लोग सड़क हादसे दौरान मौत का शिकार हो रहे हैं। इन 13 में मौत का शिकार होने वालों में भी कई ऐसे हैं, जिनको समय पर अस्पताल पहुंचा दिया गया होता तो उनकी जान बच सकती थी। पंजाब में इस तरह के गंभीर हादसे दौरान हर कोई एम्बूलैंस के आने का इंतजार करता है व अपने वाहन से को गंभीर घायल को अस्पताल ही नहीं पहुंचाता है। इस मानसिकता को तोड़ने के लिए ही पंजाब सरकार ने ‘फरिश्ता’ योजना की जल्द शुरूआत कर रही है, जिससे आम लोगों को सड़क हादसों में गंभीर घायल की जान बचाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

पुलिस से घबराएं नहीं, फरिश्ते परेशान नहीं सम्मानित होंगे: भगवंत मान

सीएम मान ने कहा कि पंजाब के लोगों को पुलिस के चक्कर से घबराने की जरूरत नहीं है, जिस भी व्यक्ति द्वारा घायल की जान बचाने के लिए उसे अपने वाहन से अस्पताल पहुंचाया जाएगा, उस फरिश्ते को परेशान नहीं बल्कि सम्मानित किया जाएगा। पुलिस द्वारा एक भी सवाल नहीं पूछा जाएगा, जबकि 2 हजार रुपये के इनाम के साथ ही प्रशंसा पत्र से उस फरिश्ते तगमे से सम्मानित किया जाएगा।

प्राईवेट अस्पताल का खर्च खुद उठाएगी सरकार

सड़क हादसे दौरान आम तौर पर सरकारी अस्पताल ही मरीज को पहुंचाने की कोशिश होती है ताकि प्राईवेट अस्पताल के खर्च से बचा जा सके लेकिन पर कई बार दूरी ज्यादा होने के चलते मरीज की मौत हो जाती है। सीएम मान ने एलान किया है कि सड़क हादसे में गंभीर घायल को पास के अस्पताल में ही पहुंचाया जाए। वह अस्पताल भले ही प्राईवेट ही क्यों न हो, उस प्राईवेट अस्पताल में इलाज का सारा खर्च सरकार खुद ही उठाएगी। मान ने कहा कि एक व्यक्ति की जान से ज्यादा कोई कीमत नहीं होती है व सरकारों के खजाने इतने भी खाली नहीं कि लोगों की जान की रक्षा न की जा सके।

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