Haryana: चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने उन बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) कार्डधारकों पर कड़ी नजर डाली है जो पिछले कई महीनों से न तो राशन ले रहे हैं और न ही किसी सरकारी योजना का लाभ उठा रहे हैं। ऐसे करीब 3.25 लाख राशन कार्ड रद्द किए जा सकते हैं। अधिकारियों के अनुसार, ये कार्ड या तो जाली हैं या फिर लाभ उठाने के उद्देश्य से गलत तरीके से बनाए गए हैं।
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हर महीने की पहली तारीख को होती है समीक्षा | Haryana
राज्य सरकार हर महीने की पहली तारीख को बीपीएल कार्डों की संख्या का मूल्यांकन करती है। एक मई को होने वाली अगली समीक्षा में इन फर्जी कार्डों की छंटनी की जाएगी। पिछली समीक्षा में 1 मार्च से 1 अप्रैल के बीच सिर्फ 1604 कार्ड कम हुए थे। अब आने वाले आंकड़ों से पता चलेगा कि बीपीएल श्रेणी में कितने वास्तविक लाभार्थी हैं।
पेंशनधारकों को मिली राहत
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस दौरान बड़ी राहत देते हुए 57,700 लाभार्थियों की सामाजिक सुरक्षा पेंशन फिर से शुरू कर दी है, जो कई महीनों से किसी न किसी कारण रुकी हुई थी। इसमें नई स्वीकृत पेंशन भी शामिल है।
मंत्री के संज्ञान में आया मामला | Haryana
खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री राजेश नागर के अनुसार, बड़ी संख्या में बीपीएल कार्डधारक अपने कार्ड का उपयोग नहीं कर रहे। इन कार्डों की जांच और सत्यापन अप्रैल के अंत तक पूरा होने की संभावना है, जिसके आधार पर फर्जी लाभार्थियों को सूची से हटाया जाएगा।
विपक्ष के सवाल और सरकार की सफाई
राज्य में इस समय 1 करोड़ 97 लाख से अधिक लाभार्थी बीपीएल कार्डों के जरिए योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं, जबकि राज्य की कुल आबादी लगभग तीन करोड़ है। विपक्ष ने इस आंकड़े पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इतनी बड़ी संख्या में गरीब लोग कैसे हो सकते हैं?
इसके जवाब में सरकार ने विधानसभा में स्पष्ट किया कि जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम है, उन्हें बीपीएल श्रेणी में रखा गया है ताकि उन्हें योजनाओं का लाभ मिल सके। सरकार ने यह भी कहा कि वह केवल फर्जी कार्ड हटाएगी, असली लाभार्थियों को कोई नुकसान नहीं होगा।