
जब भी दर्पण में निहारें अपने चेहरे व मुंह में हो रहे बदलावों को भी देखें
गुरुग्राम (सच कहूँ/ संजय कुमार मेहरा)। Mirror: आपके शयन कक्ष, आपके बाथरूम में लगा दर्पण सिर्फ आपके सजने, संवरने के लिए ही नहीं, बल्कि वह आपकी के भीतर पनप रही बीमारियों को भी बता सकता है। दर्पण में जब भी निहारें, तब अपने चेहरे व मुंह का आत्म निरीक्षण करें। अगर कोई भी विकार या कुछ बदलाव मुंह व चेहरे पर नजर आए तो डॉक्टर को तुरंत दिखाएं। ऐसा करना इसलिए जरूरी है कि आम तौर पर हम अपने मुंह, चेहरे पर होने वाले बदलावों को नजर अंदाज कर देते हैं। आगे चलकर वह कैंसर जैसी भयानक बीमारी का रूप ले लेते हैं। Gurugram
मेहमानवाजी में भी परोसा जाती है तंबाकू की पुड़िया | Gurugram
डा. सुमन ने राजस्थान में मेहमानवाजी के तौर-तरीके पर हैरानी जताते हुए कहा कि वहां कुछ जगह पर मेहमानों को पानी के साथ पान-मसाला, गुटखा की पुड़िया परोसी जाती है। उसके बिना मेहमानवाजी नहीं मानी जाती। लोग बुरा मान जाते हैं। इस तरह की प्रथा बिल्कुल भी सही नहीं है। लोगों को जागरुक होकर इन आदतों में सुधार करना होगा। डा. सुमन ने कहा कि लोग कैंसर के मरीज को दिखाने आते हैं और खुद गुटखा खा रहे होते हैं।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से हम अपनी गाड़ी, बाइक, मोबाइल व अन्य चीजों का इंश्योरेंस करवाते हैं, उसी तरह से अपनी सेहत की जांच के लिए भी गंभीर हो जाएं। तंबाकू भी एक टेरेरिस्ट है, जो लड़ियों के रूप में हमारे देश में कदम-कदम पर लटका है। सरकार के नियमों का पालन तंबाकू बेचने वाले नहीं करते।
मुंह का कैंसर महिलाओं में कम पुरुषों में अधिक
फोर्टिस अस्पताल में कैंसर विशेषज्ञ डा. ए.के. आनंद बताते हैं कि प्रति 1000 पुरुषों में से 25-26 लोगों को मुंह के कैंसर का खतरा बना रहा है, जबकि महिलाओं में यह कैंसर कम होता है। क्योंकि महिलाएं पान-मसाला, शराब, धूम्रपान कम करती हैं। पुरुष इन चीजों का अधिक सेवन करते हैं, इसलिए पुरुषों में इसका रिस्क बढ़ जाता है। यह तीसरा सबसे अधिक कॉमन कैंसर होता है। चेहरे से शुरू होने वाला यह कैंसर व्यक्ति की बोलने, खाने-पीने की क्षमता को प्रभावित करता है। Gurugram
उन्होंने कहा कि इसके लिए जागरुकता का क्षेत्र बढ़ाया जाना चाहिए। डा. निरंजन ने कैंसर की पहचान करने के लिए जागरुक करते हुए कहा कि मुंह में जो जख्म लंबे समय नहीं भरता। गले में गांठ बनी रहती है। सफेद, लाल निशान बन जाते हैं। जीभ, होठों में जख्म बना रहता है। खाना निगलने में बदलाव, आवाज में बदलाव, लंबे समय तक खांसी, थूक व बलगम में खून आए तो इसकी तुरंत जांच जरूरी है।
कैंसर से हर साल 15 लाख लोगों की हो रही है मौत
कैंसर की बात करें तो भारत में हर घंटे 5 लोगों की मौत हो रही है। तंबाकू के कारण हर रोज 4000 और हर साल 15 लाख लोगों की मौत मुंह में कैंसर होने से होती है। भारत हेड-नेक कैंसर की राजधानी बन चुका है। धूम्रपान और पान-मसाला, गुटखा आदि चबाने के कारण मुख का कैंसर बढ़ रहा है। मॉडर्न दिखने के लिए आज का युवा इन चीजों की तरफ अधिक आकर्षित हो रहा है। डा. अमुल रॉय कहते हैं कि तीन-तीन एक्टर मिलकर इनके विज्ञापन करते हैं।
इलायची को कोटेड करके उसका स्वाद बढ़ाकर उसे प्रचारित किया जा रहा है। हकीकत यह है कि वह भी कैंसर की जनक है। उसका सेवन भी हमारे लिए हानिकारक है। देश में बड़ी आर्थिक हानि कैंसर के कारण हो रही है। भारत मुंह के कैंसर का प्रोडक्शन हाउस बन चुका है। फोर्टिस अस्पताल में टू मिनट एक्शन फॉर ओरल कैंसर प्रोक्टेशन नाम से जागरुकता कार्यक्रम लांच किया गया है। आइना प्रदर्शित करके बताया गया कि आईने में पूरा मुंह ध्यान से जांचें। मुंह में आने वाले बदलावों पर ध्यान दें। उसके निवारण के लिए उपचार कराएं। Gurugram
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