UP BC Sakhi Yojana: लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित बीसी सखी योजना ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रही है। इस योजना के अंतर्गत अब तक 50,192 महिलाओं को बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट सखी के रूप में प्रशिक्षित किया जा चुका है, जिनमें से 39,561 सखियाँ वर्तमान में सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। इन महिलाओं ने मिलकर अब तक 31,626 करोड़ रुपये से अधिक का बैंकिंग लेन-देन किया है, जिससे उन्हें लगभग 85.81 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है। BC Sakhi Yojana
बीसी सखी योजना की शुरुआत 22 मई 2020 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में की गई थी। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना और गांवों में बैंकिंग सेवाएं सुलभ कराना है। महिलाओं को न्यूनतम दसवीं कक्षा पास होने के साथ-साथ कंप्यूटर का आधारभूत ज्ञान रखने की अनिवार्यता के बाद योजना में चुना जाता है।
यह कार्यक्रम बैंक ऑफ बड़ौदा, यूको बैंक, और यूपीकॉन के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। प्रशिक्षण पूर्ण करने के बाद महिलाओं को आईआईबीएफ (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस) द्वारा प्रमाणित किया जाता है, और यह प्रक्रिया आरएसईटीआई (ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान) के माध्यम से सम्पन्न होती है।
बीसी सखी अब गांवों में बैंकिंग सेवाएं जैसे नकद निकासी, जमा, बैलेंस जानकारी आदि लोगों को उनके द्वार पर ही उपलब्ध करा रही हैं। इससे ग्रामीणों को बैंकों तक जाने में लगने वाले समय, पैसे और श्रम की बचत हो रही है। साथ ही महिलाओं को स्थानीय स्तर पर सम्मानजनक रोजगार प्राप्त हो रहा है। प्रदेश सरकार की यह योजना ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’ की दिशा में एक मजबूत और सफल कदम के रूप में देखी जा रही है, जिससे ग्रामीण समाज में आर्थिक जागरूकता और महिला सशक्तिकरण को भी बल मिल रहा है। BC Sakhi Yojana
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