Cholesterol Level: खुशखबरी यह है कि अगर सही समय पर पहचाना जाए, तो कोलेस्ट्रॉल को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए जीवनशैली में कुछ जरूरी बदलाव करना बेहद जरूरी है:
1. डाइट में बदलाव:
फाइबर से भरपूर फल, सब्जियां, ओट्स और साबुत अनाज को अपने आहार में शामिल करें। साथ ही जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड और हाई फैट वाली चीजों से दूरी बनाएं।
2. नियमित एक्सरसाइज:
हर दिन कम से कम 30 मिनट की वॉक या हल्की फिजिकल एक्टिविटी करें। योग, साइकलिंग और स्वीमिंग जैसे विकल्प भी काफी फायदेमंद हैं।
3. धूम्रपान और शराब से दूरी:
स्मोकिंग और अत्यधिक शराब का सेवन कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने के साथ-साथ दिल की बीमारियों को भी न्यौता देता है। इन आदतों को छोड़ना बेहद जरूरी है।
4. पानी की मात्रा बढ़ाएं:
पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं और मेटाबॉलिज्म सुधरता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल भी नियंत्रित रहता है।
5. नियमित मेडिकल चेकअप:
कोलेस्ट्रॉल का स्तर समय-समय पर जांचते रहें। एक साधारण ब्लड टेस्ट से HDL, LDL और ट्राइग्लिसराइड का लेवल पता लगाया जा सकता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल एक साइलेंट किलर की तरह काम करता है। यह धीरे-धीरे शरीर में घातक बदलाव लाता है, जिनका असर तब सामने आता है जब बहुत देर हो चुकी होती है। अगर आप पैरों में दर्द, ऐंठन या थकान महसूस कर रहे हैं तो इसे हल्के में न लें और तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। जीवनशैली में सुधार और सही खानपान से कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है और दिल की बीमारियों से खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है।
पैरों में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण: Cholesterol Level
चलते समय या सीढ़ियां चढ़ते समय पैरों में असहज दर्द
रात के वक्त पैरों में ऐंठन या जकड़न
पैरों में ठंडापन या सुन्न हो जाना
त्वचा का रंग बदल जाना, फीका या नीला पड़ना
पैरों के घावों का देर से भरना
झुनझुनी या जलन की अनुभूति
शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकता है दर्द
हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण सिर्फ पैर ही नहीं, शरीर के अन्य हिस्से भी प्रभावित हो सकते हैं। इनमें सीने में दर्द या भारीपन, गर्दन और कंधों में जकड़न, सिरदर्द और कभी-कभी चक्कर आना भी शामिल हैं। ये सभी संकेत इस ओर इशारा करते हैं कि शरीर में धमनियां सिकुड़ रही हैं और रक्त प्रवाह बाधित हो रहा है।