Chhagan Bhujbal: मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता तथा समता परिषद के संस्थापक छगन भुजबल को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया है। उन्हें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने मंगलवार को आयोजित एक सादे समारोह में उन्हें शपथ ग्रहण करवाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार, साथ ही अनेक वरिष्ठ मंत्री, अधिकारी तथा एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल उपस्थित रहे। Maharashtra News
शपथ ग्रहण के बाद अपनी प्रतिक्रिया में छगन भुजबल ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री फडणवीस, दोनों उपमुख्यमंत्रियों, श्री सुनील तटकरे और श्री प्रफुल्ल पटेल का आभार प्रकट करता हूँ। साथ ही, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह का भी धन्यवाद करता हूँ। मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं, कार्यकर्ताओं, समता परिषद के सभी सहयोगियों और समर्थकों का भी हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।” ऐसी संभावना है कि भुजबल को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी — यह विभाग वे पूर्ववर्ती सरकारों में भी संभाल चुके हैं, जिनका नेतृत्व पहले उद्धव ठाकरे और बाद में एकनाथ शिंदे ने किया था।
ज्ञात हो कि छगन भुजबल कुछ समय से पार्टी और सरकार से नाराज चल रहे थे। बीते वर्ष 15 दिसंबर को जब मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया, तो भुजबल को मंत्री पद नहीं मिला। इससे क्षुब्ध होकर उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी जताई और कहा कि पिछली विधानसभा चुनावों के दौरान ओबीसी वर्ग से संबंधित मुद्दों को प्रमुखता से उठाने के बावजूद उन्हें नजरअंदाज किया गया।
इस घटना के बाद उन्होंने पार्टी के कई कार्यक्रमों से दूरी बना ली थी। हालांकि, एनसीपी प्रमुख अजित पवार और कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने हस्तक्षेप कर उन्हें मनाने का प्रयास किया, जिसके बाद भुजबल ने पुनः संगठनात्मक गतिविधियों में भाग लेना आरंभ किया।
उल्लेखनीय है कि भुजबल राज्यसभा के लिए दो अवसरों पर नामांकन से भी वंचित रह गए थे, जिससे उनकी नाराजगी और गहराई थी। पार्टी नेतृत्व ने इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए अंततः सर्वसम्मति से उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने का निर्णय लिया। एनसीपी को इस समय एक मजबूत ओबीसी नेतृत्व की आवश्यकता थी, विशेषकर ऐसे समय में जब पार्टी के नेता धनंजय मुंडे को एक आपराधिक प्रकरण के चलते मंत्रिपद से इस्तीफा देना पड़ा था। मुंडे के पास खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग था, जिसे बाद में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अंतरिम रूप से संभाला।
छगन भुजबल की वापसी एनसीपी के लिए न केवल संगठनात्मक दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण है, बल्कि राजनीतिक रूप से भी अत्यंत रणनीतिक मानी जा रही है। खासकर तब, जब उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार को चार महीनों के भीतर स्थानीय निकाय और नगर परिषद चुनावों की प्रक्रिया पूर्ण करने का निर्देश दिया है।
भुजबल ओबीसी आरक्षण के प्रबल समर्थक रहे हैं और मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सरकार के रुख के खिलाफ ओबीसी हितों की रक्षा में अग्रिम पंक्ति में खड़े दिखे हैं। इसके अलावा, वे जाति आधारित जनगणना के भी समर्थक रहे हैं, जिसे हाल ही में केंद्र सरकार ने अपनी स्वीकृति प्रदान की है। Maharashtra News