
खरखौदा (सच कहूँ/हेमंत कुमार)। Kharkhoda News: हरियाणा स्टेट नैटबाल चैम्पियनशिप का आयोजन 17 से 18 मई तक निडानी (जिला जींद) में किया गया, जिसमें प्रताप स्कूल, खरखौदा (सोनीपत) के खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए कुल 12 पदक—8 स्वर्ण व 4 रजत—अपने नाम किए। यह प्रतियोगिता तीन श्रेणियों में आयोजित की गई, जिनमें 18वीं जूनियर ट्रेडीशनल नैटबाल, चौथी सब जूनियर फास्ट फाइव, और दूसरी मिक्सड सब जूनियर नैटबाल चैम्पियनशिप शामिल थीं। इन स्पर्धाओं में विद्यालय के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों दीक्षा दहिया, वरींदा पाराशर, ओजस और कार्तिक ने दो-दो स्वर्ण और एक-एक रजत पदक अर्जित कर न केवल अपने स्कूल, बल्कि पूरे सोनीपत जिले का नाम राज्य स्तर पर रोशन किया। Kharkhoda News
प्रताप स्कूल में विजेता खिलाड़ियों का भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर द्रोणाचार्य अवार्डी ओमप्रकाश दहिया, प्राचार्या दया दहिया, एकेडमिक डायरेक्टर डॉ. सुबोध दहिया, नैटबाल कोच संसार दहिया, ललित कुमार तथा हर्ष पाराशर उपस्थित रहे। सभी ने खिलाड़ियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। ओमप्रकाश दहिया ने अपने संबोधन में बताया कि विद्यालय में भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा खेलो इंडिया सेंटर की स्थापना की गई है, और हरियाणा खेल विभाग द्वारा खेल नर्सरी चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि यह सुविधाएं खिलाड़ियों को उत्कृष्ट प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध करवा रही हैं, जिससे वे निरंतर अभ्यास के माध्यम से राज्य और देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर रहे हैं। डॉ. सुबोध दहिया ने अपने संबोधन में कहा कि खेल और शिक्षा का संतुलन छात्रों के समग्र विकास के लिए आवश्यक है। Kharkhoda News
उन्होंने छात्रों को अनुशासन, समर्पण और निरंतर प्रयास से आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर वरींदा पाराशर के पिता ललित कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि वरींदा ने हाल ही में सीबीएसई बोर्ड की दसवीं कक्षा में मैरिट सूची में स्थान प्राप्त किया है, और वह दो बार राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुकी है। इसके लिए उन्होंने विद्यालय प्रबंधन का विशेष आभार प्रकट किया। कोच संसार दहिया ने बताया कि प्रताप स्कूल में अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिनके कारण विद्यालय के खिलाड़ी निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने यह भी साझा किया कि स्कूल के नैटबाल खिलाड़ियों ने अब तक 2 अंतरराष्ट्रीय और 110 राष्ट्रीय स्तर के पदक अपने नाम किए हैं। खिलाड़ियों ने इस सफलता का श्रेय अपने कोच, विद्यालय प्रबंधन और माता-पिता को दिया। उनका कहना था कि बिना मार्गदर्शन, सहयोग और समर्थन के यह उपलब्धि संभव नहीं होती। Kharkhoda News
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