आतंकी हाफिज सईद की ही जुबान में सिंधु जल समझौते पर दिया विवादित बयान
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की सेना ने एक बार फिर यह दर्शा दिया है कि वह आतंकवादियों की भाषा बोलने से परहेज़ नहीं करती। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता, लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी, ने सिंधु जल संधि को लेकर भारत के विरुद्ध जिस प्रकार की कटु टिप्पणी की, वह आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद की शैली से मेल खाती है। एक सार्वजनिक सभा में चौधरी ने कहा, “यदि आप हमारा पानी रोकेंगे, तो हम आपकी साँसें रोक देंगे।” यह भाषा न केवल असंयमित है, बल्कि वह उग्रपंथी विचारधारा को भी दर्शाती है, जिसकी पाकिस्तान में अक्सर अनदेखी की जाती रही है। Pakistan Army News
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने हाल ही में स्पष्ट कर दिया था कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित करना बंद नहीं करता और अपनी भूमि से संचालित आतंकी गुटों को वित्तीय, सैन्य एवं नैतिक समर्थन देना समाप्त नहीं करता, तब तक सिंधु जल संधि को स्थगित रखा जाएगा। चौधरी की यह टिप्पणी पाकिस्तान के एक विश्वविद्यालय में दिए गए भाषण के दौरान सामने आई। यह वक्तव्य हाफिज सईद जैसे घोषित आतंकवादी के उकसाऊ बयानों से पूरी तरह मिलता-जुलता है। ज्ञात हो कि सईद 2008 के मुंबई हमलों का मुख्य साज़िशकर्ता है और भारत तथा अमेरिका द्वारा आतंकवादी घोषित किया जा चुका है।
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में सईद को ठीक इसी प्रकार की भाषा बोलते हुए सुना जा सकता है। यह बयानबाज़ी ऐसे समय में सामने आई है जब भारत ने 23 अप्रैल को, पहलगाम में हुए एक जघन्य आतंकी हमले के ठीक एक दिन बाद, सिंधु जल संधि के कुछ प्रावधानों को निलंबित कर दिया था। उस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। Pakistan Army News
”भारत सरकार ने बार-बार यह स्पष्ट किया है…”
सिंधु जल संधि, जो वर्ष 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच संपन्न हुई थी, सिंधु नदी प्रणाली के जल वितरण को नियंत्रित करती है। भारत सरकार ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते” और “बातचीत और आतंक एक साथ नहीं चल सकते।” यह वक्तव्य सीमा पार आतंकवाद पर भारत के कठोर रुख को दर्शाता है।
पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत ने 7 मई को “ऑपरेशन सिंदूर” के अंतर्गत पाकिस्तान एवं पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ भविष्य में कोई भी वार्ता केवल उस भारतीय क्षेत्र को खाली करने पर केंद्रित होगी, जिस पर पाकिस्तान ने अवैध कब्ज़ा कर रखा है।
जायसवाल ने कहा, “भारत केवल उन आतंकवादियों के प्रत्यर्पण पर चर्चा करने को तैयार है, जिनकी सूची पहले ही पाकिस्तान को सौंपी जा चुकी है।” उन्होंने यह भी दोहराया कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के विरुद्ध ठोस, स्थायी और भरोसेमंद कदम नहीं उठाता, तब तक सिंधु जल संधि निलंबित ही रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह टिप्पणी कि “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते” अब भारत की कड़ी और स्पष्ट नीति का प्रतीक बन चुकी है। Pakistan Army News
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