दर्जन भर गांवों में पेयजल किल्लत बरकरार, खेत रहेंगे सिंचाई से वंचित
Baruwali minor broken: नाथूसरी चोपटा (भगत सिंह)। चोपटा क्षेत्र से गुजरने वाली बरुवाली नहर (Baruwali minor) गांव ढूकड़ा के पास अचानक एक बार फिर टूट गई। नहर में करीब 30 फीट चोड़ी दरार आ गई। जिससे आस पास के खेतों में पानी भर गया। नहर के टूटने से दर्जनभर गांवों के किसान सिंचाई पानी से वंचित रह गए। वहीं सबसे बड़ी बात यह है कि करीब 2 महीने से पेयजल की किल्लत झेल रहे ग्रामीणों को कोई राहत नहीं मिली। अब नहर को पीछे से बंद करवाया जाएगा और फिर पटरी को बांधा जाएगा। इसमें भी करीब तीन से चार दिन का समय लग जाएगा। Sirsa News
कालू लूना, मांगेराम बीरडा, कालू राम ढाका, गुलज़ारी कुम्हार, मोमन राम, भाल सिंह, शुभकरण छींपा, राजेंद्र, ओमप्रकाश सुथार सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि बरुवाली नहर से जमाल, कुतियाना, बरासरी, रायपुर, रूपावास, ढूकड़ा, गुडिय़ा खेड़ा सहित कई गांवों में सिंचाई के साथ-साथ पेयजल की व्यवस्था भी इसी नहर के पानी से होती है। सुबह ही नहर में पानी आया था और दोपहर को अचानक नहर टूट गई, जिससे सिंचाई व्यवस्था तो दूर अब पेयजल की व्यवस्था भी नहीं हो सकेगी। उन्होंने बताया कि करीब दो महीने से पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। सरकार और सिंचाई विभाग की लापरवाही की वजह से लोगों को पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरसना पड़ रहा है।
नरमें की बिजाई भी अटकी | Sirsa News
माखोसरानी, दड़बा कलां ,रुपाणा खुर्द गांवों के खेतों में पानी से सिंचाई की जाती है। अब नहर टूटने से इन गांवों के पानी की बारी वाले किसानों के खेत बीना सिंचाई के ही रह गए। किसान वेदपाल, राजाराम, सतपाल, रोहतास, राकेश कुमार, का कहना है कि जब भी नहर की से सिंचाई की पानी की बारी आती है तो पीछे नहर टूट जाती है। नहर टूटने के बाद पीछे से नहर को बंद करवाया जाता है और फिर नहर की पटरी को बांधकर पानी छोड़ा जाता है इस दौरान जिन किसानों के खेतों में सिंचाई के पानी की बारी होती है। वह खेत सूखे ही रह जाते हैं।
अभी तीन दिन तक सिंचाई पानी पूरी तरह बाधित हो गया है। अब नरमे की बिजाई भी मुश्किल हो गई है। किसानों का कहना है कि बार-बार नहर टूटने के कारण फसलों का उत्पादन पर भी विपरित असर पड़ता है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है। Sirsa News