Air India Plane Crash: मुज्जफरनगर, अनु सैनी। भारत की राष्ट्रीय विमान सेवा Air India का इतिहास जितना गौरवशाली रहा है, उतना ही त्रासद भी। एक समय था जब एयर इंडिया को “महाराजा” के नाम से पहचान मिली थी, और यह देश के अंतरराष्ट्रीय गौरव का प्रतीक थी। लेकिन इस महाराजा की उड़ानों में कई बार ऐसे हादसे हुए हैं जिन्होंने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर दिया।
इन हादसों की वजहें अलग-अलग रहीं — कभी आतंकी साजिशें, कभी तकनीकी खराबी, तो कभी मानवीय भूल। लेकिन हर बार इसकी कीमत इंसानी जानों से चुकानी पड़ी। आइए एक नजर डालते हैं उन प्रमुख हादसों पर जिन्होंने एयर इंडिया के इतिहास में काले अध्याय जोड़े हैं।
1. 23 जून 1985 – एयर इंडिया फ्लाइट 182 (कनिष्क विमान हादसा) | Air India Plane Crash
स्थान: अटलांटिक महासागर, आयरलैंड तट के पास
यह विमान मॉन्ट्रियल से दिल्ली की ओर जा रहा था। उड़ान के दौरान अचानक उसमें विस्फोट हुआ और वह समुद्र में गिर गया। यह विमानन इतिहास का अब तक का सबसे घातक आतंकी हमला माना जाता है जिसमें 329 लोग मारे गए। इसमें अधिकतर यात्री कनाडा के नागरिक थे। जांच में सामने आया कि इसमें खालिस्तानी आतंकियों द्वारा प्लांट किया गया बम जिम्मेदार था। यह घटना आज भी कनाडा और भारत दोनों के लिए संवेदनशील मुद्दा बनी हुई है।
2. 1 जनवरी 1978 – एयर इंडिया फ्लाइट 855 (मुंबई हादसा) | Air India Plane Crash
स्थान: मुंबई तट के पास
नया साल शुरू होते ही भारत एक दुखद समाचार से दहल गया। मुंबई से दुबई जा रही इस फ्लाइट ने जैसे ही उड़ान भरी, कुछ मिनटों में ही समंदर में जा गिरी। जांच में पता चला कि कॉकपिट के उपकरणों में खराबी के कारण पायलट दिशा भ्रम का शिकार हो गया और विमान क्रैश हो गया।
3. 14 फरवरी 1966 – मोंट ब्लांक हादसा (एयर इंडिया फ्लाइट 101)
स्थान: फ्रांस-इटली की सीमा पर मोंट ब्लांक पर्वत
यह विमान बॉम्बे से लंदन जा रहा था। जब यह यूरोपीय सीमा में दाखिल हुआ, वह घने कोहरे और बर्फबारी के बीच मोंट ब्लांक पर्वत से टकरा गया। इस दुर्घटना में भारत के परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. होमी जहांगीर भाभा की भी मृत्यु हो गई। इस हादसे ने न केवल भारत के वैज्ञानिक जगत को, बल्कि पूरे देश को स्तब्ध कर दिया।
4. 21 जून 1982 – फ्लाइट 403 (मुंबई एयरपोर्ट हादसा)
स्थान: मुंबई, सांताक्रूज एयरपोर्ट
बोइंग 707 विमान, खराब मौसम और टेक्निकल फेल्योर की वजह से रनवे से फिसल गया और उसमें आग लग गई। हादसे में कई यात्री गंभीर रूप से झुलस गए। यह हादसा विमानन क्षेत्र में सुरक्षा मानकों की ओर फिर से ध्यान खींचने वाला बना।
5. 4 अगस्त 1968 – एयर इंडिया फ्लाइट 229 (बॉम्बे हादसा)
स्थान: समुद्र में, बॉम्बे एयरपोर्ट के पास
विमान को लैंडिंग के दौरान रनवे नज़र नहीं आया और वह समंदर में जा गिरा। यात्रियों की संख्या काफी अधिक थी, और यह हादसा अत्यंत दुखद रहा। खराब मौसम और कम दृश्यता इसके प्रमुख कारण माने गए।
6. 22 मई 2020 – एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट IX-1344 (कोझिकोड हादसा)
स्थान: केरल के कोझिकोड एयरपोर्ट
कोरोना काल के दौरान चलाए जा रहे वंदे भारत मिशन के तहत दुबई से भारत लौट रहे भारतीय नागरिकों को लेकर यह फ्लाइट कोझिकोड पहुंची। लेकिन भारी बारिश के कारण रनवे पर विमान नियंत्रण खो बैठा और दो टुकड़ों में टूट गया। इस हादसे में पायलट समेत 21 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।
क्या बदला इसके बाद?
हर बड़े हादसे के बाद भारत के नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एयर इंडिया ने सुरक्षा मानकों की समीक्षा की। पायलट प्रशिक्षण, टेक्निकल निरीक्षण, और एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम को अपडेट किया गया। लेकिन आज भी जब कोई हादसा होता है, तो यह पुराने जख्मों को फिर से हरा कर देता है।