Guru Purnima 2025: नई दिल्ली। देशभर में आज गुरु पूर्णिमा का पर्व श्रद्धा एवं भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। यह पावन दिन गुरुजनों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर होता है, जिन्होंने अपने ज्ञान, आचरण और मार्गदर्शन से समाज को दिशा दी है। भारतीय संस्कृति में गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समान महत्व दिया गया है, जो शिष्य को अज्ञानता से ज्ञान की ओर अग्रसर करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सामाजिक माध्यम “एक्स” पर लिखा- “गुरु पूर्णिमा के विशेष अवसर पर सभी को शुभकामनाएं।” Guru Purnima
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस पर्व की महत्ता को रेखांकित करते हुए अपने संदेश में कहा-“गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर सभी गुरुजनों को नमन करता हूं। भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य का संबंध केवल शिक्षा का नहीं, अपितु जीवन भर के मार्गदर्शन का प्रतीक है। गुरुओं ने सदैव शिष्यों में नैतिकता, राष्ट्रभक्ति और जीवन मूल्यों का बीजारोपण किया है।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी गुरु पूर्णिमा पर विशेष श्रद्धा प्रकट की। उन्होंने लिखा-“गुरु की कृपा से ही शिष्य अज्ञान से आत्मबोध और अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होता है। गुरु न केवल ज्ञान देते हैं, बल्कि शिष्य के जीवन को सच्चाई, सेवा और संस्कारों से परिपूर्ण बनाते हैं।” योगी आदित्यनाथ ने अपने गुरुओं— महंत अवैद्यनाथ और महंत दिग्विजयनाथ की समाधियों पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
गुरु पूर्णिमा को “व्यास पूर्णिमा” के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यह दिन महाभारत के रचयिता ऋषि वेदव्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन समुदायों में अत्यंत श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। देश के अनेक भागों में आज के दिन गुरु पूजा, प्रवचन, ध्यान, तथा आध्यात्मिक आयोजनों का आयोजन किया गया। भक्तगण मंदिरों में जाकर प्रार्थना कर रहे हैं और अपने शैक्षिक एवं आध्यात्मिक गुरुओं के प्रति श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं। यह दिन न केवल ज्ञान और शिक्षा का उत्सव है, बल्कि जीवन में आदर्शों और अनुशासन की पुनः स्थापना का अवसर भी है। Guru Purnima