Monsoon Snake Bite: अनु सैनी। भारत में हर साल हजारों लोग सांप के काटने की वजह से अपनी जान गंवा बैठते हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां खेती-बाड़ी और खुले वातावरण में लोग अधिक रहते हैं, वहां यह खतरा ज्यादा होता है। लेकिन सच यह है कि सही जानकारी और समय पर उठाए गए कदमों से इन मौतों को रोका जा सकता है।
डर से ज्यादा खतरनाक है घबराहट | Monsoon Snake Bite
सांप के काटने के बाद सबसे बड़ी गलती जो लोग करते हैं, वह है घबराना। डर और घबराहट से शरीर की धड़कन तेज हो जाती है, जिससे खून का बहाव भी तेज होता है और यदि सांप ने जहर वाला काटा है, तो वह तेजी से शरीर में फैलने लगता है। इसलिए सबसे पहला और सबसे जरूरी कदम है शांत रहना और घबराहट से बचना।
सबसे पहले क्या करें? – प्राथमिक उपचार
1. व्यक्ति को शांत और स्थिर रखें – उसे लेटाएं और इस बात का ध्यान रखें कि जिस हिस्से को सांप ने काटा है वह दिल से नीचे रहे।
2. हलचल कम करें – कोशिश करें कि पीड़ित हिले-डुले नहीं। इससे शरीर में जहर का फैलाव कम होता है।
3. पट्टी बांधने से बचें – यदि आप कपड़ा बांध रहे हैं तो वह हल्का हो, ज्यादा कसकर न बांधें, वरना खून का प्रवाह रुक सकता है और मांसपेशियों को नुकसान हो सकता है।
4. किसी को मदद के लिए भेजें – आसपास के लोगों को तुरंत सूचित करें और नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर से संपर्क करें।
ये गलती कभी न करें
काटे गए स्थान को काटकर जहर चूसने की कोशिश न करें।
किसी भी तरह की देसी दवा, झाड़-फूंक या घरेलू नुस्खे न अपनाएं।
पीड़ित को दौड़ने या तेज चलने न दें।
शराब या किसी अन्य नशीली चीज का सेवन न कराएं।
सांप को मारने या पकड़ने की कोशिश न करें – यह और खतरनाक हो सकता है।
सांप को पहचानने की कोशिश करें (अगर संभव हो)
यदि सुरक्षित हो तो यह समझने की कोशिश करें कि सांप कैसा दिखता था – उसका रंग, लंबाई, सिर का आकार आदि। इससे डॉक्टर को सही एंटीवेनम चुनने में मदद मिलती है। लेकिन ध्यान रहे, यह करना अनिवार्य नहीं है और सांप को पकड़ना बहुत ही जोखिम भरा काम है।
देरी न करें – सीधे अस्पताल जाएं | Monsoon Snake Bite
लोग अक्सर सोचते हैं कि सांप जहरीला होगा या नहीं, कुछ देर रुककर देखते हैं। यह सबसे बड़ी गलती होती है। हर सांप जहरीला नहीं होता, यह बात सही है, लेकिन यह जांचने में समय बर्बाद करना खतरनाक हो सकता है। इसलिए तुरंत डॉक्टर के पास जाएं जहां एंटी-स्नेक वेनम (Antivenom) इंजेक्शन दिया जाता है।
गांवों में जागरूकता की कमी बन रही है मौत की वजह
ग्रामीण इलाकों में आज भी लोग ओझा, तांत्रिक या झाड़ फूंक जैसे उपायों में समय गंवा देते हैं। सोशल मीडिया पर भी कई बार झूठी जानकारियां और देसी इलाज के वीडियो वायरल होते रहते हैं, जो भरोसे के काबिल नहीं होते। ध्यान रखें, जहर का असर तेजी से होता है और इसमें एक-एक मिनट कीमती होता है।
खाने-पीने में बरतें सावधानी
सांप के काटने के बाद मरीज को तुरंत खाना या बहुत ज्यादा पानी न दें। अगर प्यास लगे तो बहुत थोड़ी मात्रा में पानी दे सकते हैं। ज़्यादा पानी देने से उल्टी, बेहोशी या जहर के फैलाव का खतरा बढ़ जाता है।
सांप के काटने से बचाव कैसे करें?
रात में बाहर निकलते समय जूते पहनें और साथ में टॉर्च रखें।
खेत, झाड़ी या अंधेरे जगहों पर काम करते समय सावधानी बरतें।
सोते समय फर्श पर न सोएं, चारपाई या खाट पर सोना सुरक्षित होता है।
घर के आसपास की झाड़ियां साफ रखें, सांप अक्सर वहीं छिपते हैं।
क्या करें अगर अस्पताल दूर हो?
अगर आप ऐसे स्थान पर हैं जहां अस्पताल या मेडिकल सुविधा कुछ दूर है, तो…
1. मरीज को तुरंत लेटाएं और जितना हो सके कम हिलाएं-डुलाएं।
2. गांव या इलाके की एंबुलेंस सेवा से संपर्क करें।
3. नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) तक ले जाने की कोशिश करें।
4. हर जिले में अब एंटीवेनम स्टॉक उपलब्ध कराया जा रहा है – इसकी जानकारी पहले से रखें।
सांप के काटने पर सही कदम ही बचा सकते हैं जान
सांप का काटना डरावना अनुभव जरूर है, लेकिन यह जानलेवा तभी होता है जब डर, घबराहट और देरी आड़े आ जाए। अगर समय पर शांत रहकर, सही प्राथमिक उपचार करें और मेडिकल सहायता लें, तो जान बचाई जा सकती है।
घबराएं नहीं – जानकारी और सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है। सोशल मीडिया की अफवाहों से दूर रहें और अपने परिवार व आस-पड़ोस के लोगों को भी सही जानकारी दें।