
Greater Noida Suicide: ग्रेटर नोएडा। शारदा विश्वविद्यालय में बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले ने गम्भीर रूप ले लिया है। यह घटना जहां एक ओर शिक्षा जगत में संवेदनशीलता को लेकर चिंता बढ़ा रही है, वहीं विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों के बीच गहरा आक्रोश भी देखने को मिल रहा है। Greater Noida News
घटना के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने तत्काल कदम उठाते हुए 21 और 22 जुलाई को प्रस्तावित सभी कक्षाएं, परीक्षाएं और कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं। प्रशासन ने 23 जुलाई से विश्वविद्यालय की सामान्य गतिविधियां पुनः आरंभ करने की घोषणा की है।
क्या है पूरा मामला? | Greater Noida News
छात्रा ज्योति, जो बीडीएस (दंत चिकित्सा) द्वितीय वर्ष की छात्रा थी, ने शुक्रवार रात अपने छात्रावास में आत्महत्या कर ली। उसके कमरे से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें उसने शिक्षकों द्वारा किए गए मानसिक उत्पीड़न का उल्लेख किया है।
छात्रा के पिता रमेश जांगड़ा ने विश्वविद्यालय के डेंटल साइंसेज़ विभाग के वरिष्ठ शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि विभागाध्यक्ष और अन्य प्रोफेसर लगातार उनकी बेटी को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे, जिससे वह अवसाद में चली गई और अंततः आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाना पड़ा।
आरोपित शिक्षकों में शामिल हैं | Greater Noida News
- डॉ. एम. सिद्धार्थ (वरिष्ठ प्रोफेसर)
- डॉ. आशीष चौधरी (विभागाध्यक्ष)
- डॉ. अनुराग (प्रोफेसर)
- डॉ. महेन्द्र सिंह चौहान (एसोसिएट प्रोफेसर)
- डॉ. सुरभि (सहायक प्रोफेसर)
- डॉ. शैरी वशिष्ठ (सहायक प्रोफेसर)
पुलिस ने त्वरित संज्ञान लेते हुए डॉ. शैरी वशिष्ठ और डॉ. महेन्द्र सिंह चौहान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। अन्य शिक्षकों से पूछताछ की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है।
जांच के प्रमुख बिंदु
- छात्रा के मोबाइल, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फॉरेंसिक जांच
- कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच
- छात्रा के सोशल मीडिया व संवाद माध्यमों की पड़ताल
- एडिशनल डीसीपी सुधीर कुमार ने कहा कि मामले की हर पहलू से गहन जांच की जा रही है और कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा।
छात्रों में आक्रोश और प्रदर्शन की तैयारी
विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। कई छात्रों ने आरोप लगाया है कि विभाग की ओर से उन्हें लंबे समय से दबाव और प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। छात्रों के अनुसार, ज्योति इस दबाव को सहन नहीं कर सकी और आत्महत्या कर ली। समाजवादी छात्र सभा, गौतमबुद्ध नगर के अध्यक्ष मोहित नागर ने प्रशासन को पांच दिन की मोहलत दी है। उनका कहना है कि यदि तीन दिनों के भीतर निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हुई, तो विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया जाएगा। Greater Noida News
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