
नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि ब्रिटेन के साथ इसी सप्ताह किया गया व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता (भारत-ब्रिटेन सेटा) वहां की संसद की स्वीकृति के साथ ही लागू हो जाएगा और इसका फायदा उठाने के लिए देश के उद्यमियों को अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। गोयल ने इसे भारत द्वारा किसी देश के साथ किया गया अब तक का सबसे बड़ा मुक्त व्यापार समझौता बताते हुए कहा कि ब्रिटेन के साथ इस तरह के समझौते के लिए 22-23 वर्ष की कशमकश के बाद यह संभव हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज विश्व मंच पर नए आत्म विश्वास के साथ अपनी बात रखता है। उन्होंने कहा कि यह समझौता भारत और ब्रिटेन – दोनों देशों के लिए लाभ और समृद्धि का समझौता है। भारत ने इसे अपनी शर्तों पर किया है। इसका भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ मिलेगा।
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक विशेष संवाददाता सम्मेलन में इसी सप्ताह प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन यात्रा में हुए भारत-ब्रिटेन सेट के महत्वपूर्ण पहलुओं की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि भारत ने दूनिया ब्रिटेन जैसी एक विकसित और बड़ी अर्थव्यस्था वाले देश के साथ बड़े आत्मविश्वास के साथ समझौता किया है। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की उपस्थिति में गुरुवार को हुए इस समझौते से सालाना द्विपक्षीय व्यापार में 34 अरब डॉलर की वृद्धि होने की संभावना है। उम्मीद है कि 2030 तक अपसी व्यापार दो गुना हो कर 112 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 99 प्रतिशत निर्यात माल को ब्रिटेन में शून्य या बहुत रियायती दर पर वहां के बाजार में प्रवेश मिलेगा जबकि हमने डेयरी जैसे अपने संवेदनशील बाजारों में रत्ती भर भी रियायत नहीं दी है और चावल, चीनी तथा हमारे किसानों और कामगारों की दृष्टि से संवेदनशील अन्य क्षेत्रों का बचाव सुनिश्चित किया है।
उन्होंने कहा, “भारत के 95 प्रतिशत कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों को ब्रिटेन में मुक्त प्रवेश मिलने जा रहा है।” उन्होंने कहा कि यह देश के कृषि और सूक्ष्म, लघु तथा मझोले उद्योगों के लिए बड़े अवसरों को द्वार खोलने वाला समझौता है।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के दौर में भारत ने मॉरीशस, यूएई, आॅस्ट्रेलिया और चार यूरोपीय देशों के मुक्त व्यापार संघ (ईएमटीए) के बाद अब ब्रिटेन के साथ एक व्यापक करार किया है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने जिन देशों के साथ समझौता किया है “वे अर्थिक क्षेत्र में भारत के प्रतिस्पर्धी नहीं बल्कि पूरक हैं”। इसके विपरीत संयुक्त प्रगतिशील सरकार के समय में आसियान जैसे मुक्त व्यापार समझौते किए गए जो विश्व बाजार में भारत के प्रतिस्पर्धी थे और उनसे नुकसान होने की शिकायतें हैं। उन्होंने कहा, “हमारे उद्योगमंडलों के नेता हमें बताते हैं कि आसियान जैसे समझौतों से नुकसान हुआ है।”
गोयल ने कहा कि भारत आसियान के साथ एफटीए की समीक्षा कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत-ब्रिटेन समझौते के खिलाफ विपक्ष को कोई ठोस मुद्दा नहीं मिला है। इस संबंध में कुछ नेताओं के सोशल मीडिया पोस्ट को उन्होंने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वे ध्यान देने लायक नहीं हैं।
भारत इस समय न्यूजीलैंड, अमेरिका , लातीनी अमेरिकी देशोें के समूह मकोर्सूर (अर्जेंटिना, ब्राजील, उरुग्वे और पराग्वे) आदि के साथ भी एफटीए के लिए बातचीत कर रहा है।
वाणिज्य मंत्री ने इन पर विस्तार से बताने की बजाय कहा , “हम इन वातार्ओं में सही दिशा, और सही गति के आगे बढ़ रहे हैं।”