विद्यार्थी भी हुए शामिल, 65 दिनों से डटे धरने पर
हनुमानगढ़। जाति प्रमाण पत्र जारी करने पर लगी मौखिक रोक हटाने की मांग को लेकर जिला कलक्ट्रेट के समक्ष धानका/धाणका जनजाति संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहा धानका/धाणका समाज का बेमियादी धरना मंगलवार को 65वें दिन भी जारी रहा। मंगलवार को समाज के नागरिकों ने स्कूलों में पढ़ने वाले अपने बच्चों के साथ रोष मार्च निकालकर जिला कलक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया। Hanumangarh News
इसके बाद जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर मांग दोहराई। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि धानका/धाणका जाति के प्रमाण-पत्र बनाने पर लगी रोक के मौखिक आदेश को खारिज कर जाति प्रमाण-पत्र जारी करने की मांग को लेकर समाज आंदोलनरत है, परन्तु अभी तक प्रशासन ने कोई सुनवाई नहीं की। इससे समाज के नागरिकों में रोष व्याप्त है। समाज के बच्चों की पढ़ाई और नौकरी में लगाने के लिए जाति प्रमाण-पत्र नहीं बनने पर राजस्थान के हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर जिले के बच्चों एवं अन्य विद्यार्थियों व किशोरों की पढ़ाई अंधकार में चल रही है, जबकि पूर्व में पिता एवं माता का प्रमाण-पत्र जारी है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1998 से वर्ष 2014 के बीच प्रशासनिक अधिकारियों की भूल के कारण अनुसूचित जनजाति के ऑफलाइन जाति प्रमाण-पत्र धाणका के स्थान पर धानका के जारी कर दिए गए थे। इस कारण अब पूरे समाज को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वे अपने बच्चों के जाति प्रमाण-पत्र बनवाने जाते हैं तो इन्हीं अधिकारियों की ओर से यह कहा जाता है कि धानका नाम से कोई भी जाति अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल नहीं है। इस कारण उन्हें अपने बच्चों के जाति प्रमाण-पत्र बनवाने में काफी परेशानी हो रही है।
उन्होंने मांग की कि धानका/धाणका जाति के प्रमाण-पत्र बनाने पर लगाई गई मौखिक रोक को हटाया जाए। साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों की भूल के कारण बने धानका जाति के जाति प्रमाण पत्रों को धाणका जाति के ऑनलाइन जाति प्रमाण-पत्र जारी करवाए जाएं। Hanumangarh News