गुरुग्राम (संजय मेहरा)। हरियाणा के गांवों में एक नई सुबह की शुरूआत होने जा रही है। अब तक केवल शहरी इलाकों तक सीमित रहने वाला आईटी सेक्टर, अब गांवों की ओर कदम बढ़ा रहा है। सरकार की नई योजना और निजी कंपनियों की दिलचस्पी के चलते कुछ चुनिंदा गांवों को नई कळ हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे न सिर्फ युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि गांवों की आर्थिक तस्वीर भी बदलेगी।
कौन-कौन से गांव होंगे शामिल?
रिपोर्ट के अनुसार, औद्योगिक शहर विकसित करने के लिए फरीदाबाद जिले के छांयसा और मोहना गांव तथा पलवल जिले के मोहियापुर, बागपुर कलां, बागपुर खुर्द, बहरौला, हंसापुर, सोलड़ा और थंथरी गांव को चिन्हित किया गया है। ऌरश्ढ द्वारा फरीदाबाद में नए सेक्टरों के लिए खेड़ी कलां, नचौली, ताजुपुर, ढहकौला, शाहबाद, बदरपुर सैद, साहुपुरा, सोतई, सुनपेड़, मलेरना, जाजरू, भैंसरावली, फत्तुपुरा, भुआपुर, जसाना, फरीदपुर, सदपुरा और तिगांव गांवों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी।
गुरुग्राम के पास के गांव जैसे बादशाहपुर, पटौदी और फर्रुखनगर
- रोहतक जिÞले के गढ़ी सांपला, किलोई और महम
- करनाल और पानीपत के कुछ रणनीतिक गांव भी इस लिस्ट में हैं
- इन गांवों को आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर से लैस किया जाएगा जिसमें हाई-स्पीड इंटरनेट, को-वर्किंग स्पेस, ट्रेनिंग सेंटर और स्टार्टअप इनक्यूबेशन हब शामिल हैं।
- गांवों में ही बनेंगे टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट
- सरकार और निजी कंपनियों के सहयोग से युवाओं को डिजिटल स्किल्स में ट्रेनिंग दी जाएगी, जैसे:
- वेब और ऐप डेवलपमेंट
- डेटा एनालिटिक्स
- साइबर सिक्योरिटी
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
डिजिटल मार्केटिंग
इन ट्रेनिंग प्रोग्राम्स के जरिए गांवों के युवा अब नौकरी के लिए शहरों की ओर पलायन नहीं करेंगे, बल्कि गांवों में ही रहकर रिमोट वर्क और फ्रीलांसिंग के जरिए रोजगार कमा सकेंगे।
महिलाओं और लड़कियों को मिलेगा खास मौका
इस योजना में महिलाओं के लिए अलग से ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए जाएंगे, ताकि वे भी डिजिटल दुनिया में कदम रख सकें और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।
खेती + टेक्नोलॉजी = स्मार्ट गांव
इन गांवों में आईटी के इस्तेमाल से स्मार्ट खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। किसान अब डेटा के आधार पर फसल की योजना बना सकेंगे, मंडियों की कीमतों की जानकारी पा सकेंगे और मौसम का सटीक पूवार्नुमान ले सकेंगे। हरियाणा के गांव अब केवल कृषि केंद्र नहीं रहेंगे, बल्कि डिजिटल क्रांति के केंद्र बनेंगे। इससे गांवों में रोजगार, शिक्षा, और तकनीकी विकास के नए दरवाजे खुलेंगे। यह बदलाव ना केवल राज्य बल्कि देश के लिए भी एक मिसाल बनेगा।