मुम्बई। महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 के फाइनल में प्लेयर आॅफ द मैच बनी शेफाली वर्मा नवी मुंबई में दक्षिण अफ्रीका पर भारत की 52 रनों की जीत में अहम भूमिका निभाने के बाद शब्दहीन रह गईं। उन्होंने अचानक टीम में वापसी की और अपने शानदार प्रदर्शन से भारत को जीत दिलाई। सलामी बल्लेबाज को प्रतीका रावल के चोटिल होने के बाद सेमीफाइनल से पहले ही टीम में शामिल किया गया था उन्होंने फाइनल में 78 गेंदों में 87 रनों की शानदार पारी खेली और अपनी टीम को 298/7 का स्कोर बनाने में मदद की। इसके बाद गेंदबाजी में भी उन्होंने दमदार प्रदर्शन किया और 2/36 का आंकड़ा दर्ज किया, जिससे प्रोटियाज को लक्ष्य का पीछा करने से रोका जा सका। दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वुलफार्ट ने अपने देश की ओर से बेहतरीन प्रदर्शन किया और लगातार दूसरा शतक जड़ा। लेकिन दीप्ति शर्मा के पांच विकेटों ने मैच का रुख पूरी तरह से बदल दिया और मेजबान टीम ने ऐतिहासिक जीत सुनिश्चित की।
मैच के बाद शेफाली वर्मा ने कहा, “मैंने शुरूआत में ही कहा था कि भगवान ने मुझे यहां कुछ अच्छा करने के लिए भेजा है, और आज यह सच में हो गया। मुझे बहुत खुशी है कि हम जीत गए और मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती। यह मुश्किल था, लेकिन मुझे खुद पर पूरा विश्वास था कि अगर मैं शांत रहूंगी, तो मैं सब कुछ हासिल कर सकती हूं।” “मैं बस अपनी टीम को जीत दिलाना चाहती थी। मेरा मन साफ था, और मैंने अपनी योजनाओं पर काम किया। इसलिए, मुझे खुशी है कि मैं उन्हें लागू कर पाईं और सभी मेरा समर्थन कर रहे थे। उन्होंने (सीनियर खिलाड़ियों ने) मुझे बस अपना खेल खेलने के लिए कहा, और जब आप यह जान जाए कि क्या करना है, तो बस यही काफी होता है।”
वर्मा ने यह भी बताया कि भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर का समर्थन मिलना उन्हें बहुत प्रोत्साहित करता था। “यह एक बहुत ही यादगार पल है। जब मैंने उन्हें (सचिन तेंदुलकर) देखा, तो मुझे बहुत हौसला मिला। मैं उनसे बात करती रहती हूं, वे मुझे हौसला देते रहते हैं। वे क्रिकेट के मास्टर हैं, और हम उन्हें देखकर ही प्रेरित होते रहते हैं।” वहीं, दीप्ति शर्मा को टूनार्मेंट की प्लेयर आॅफ द टूर्नामेंट चुना गया, क्योंकि उन्होंने वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा 22 विकेट लिए झ्र जो कि दूसरे स्थान की आॅस्ट्रेलिया की ऐनाबेल सदरलैंड से पांच ज्यादा थे।
28 वर्षीय खिलाड़ी ने खेल के संतुलन में रहते हुए दक्षिण अफ्रीका के मध्य और निचले क्रम को तहस-नहस कर दिया, साथ ही उन्होंने प्रोटियाज की कप्तान वुलफार्ट का अहम विकेट भी लिया। इससे पहले उन्होंने भारत के लिए बल्ले से कमाल का प्रदर्शन करते हुए 58 रन बनाए थे। शर्मा ने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो यह एक सपने जैसा लगता है। (यह) सच में अच्छा लगता है, मैं वर्ल्ड कप फाइनल में इस तरह से योगदान दे सकती हूं। हमने हमेशा सोचा है कि हम हर मैच से कैसे सीख सकते हैं। एक टीम के रूप में, हम बहुत अच्छा महसूस कर रहे हैं। “मैं हमेशा आनंद लेती हूं, चाहे मैं जिस भी विभाग में हूं, या जो भी स्थिति है। मैं स्थिति के अनुसार खेलना चाहती थी। मैंने इसका बहुत लुत्फ उठाया। इस स्तर पर, एक आॅलराउंडर के रूप में प्रदर्शन करना, इससे शानदार एहसास नहीं हो सकता। “लौरा ने बहुत अच्छी पारी खेली। लेकिन हम हमेशा शांत रहे और एक-दूसरे का उत्साह बढ़ाते रहे। एक बॉलिंग यूनिट के रूप में, हम आखिरी गेंद तक जाने और अपनी सर्वश्रेष्ठ गेंद पर ध्यान केंद्रित करने के बारे में सोच रहे थे, और हमने वही किया।”















