
Sri Lanka Cyclone Relief: कोलंबो। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर (S Jai Shankar), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के विशेष प्रतिनिधि के रूप में श्रीलंका की यात्रा पर पहुंचे हैं। ‘पड़ोसी प्रथम’ और ‘महासागर’ नीति के अंतर्गत श्रीलंका के रणनीतिक महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि चक्रवात दित्वाह के बाद संकट की घड़ी में श्रीलंका के लिए आगे आना भारत के लिए स्वाभाविक दायित्व था। इस अवसर पर भारत ने श्रीलंका के पुनर्निर्माण के लिए 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता की घोषणा भी की। India-Sri Lanka News
विदेश मंत्री जयशंकर ने कोलंबो पहुंचकर श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से भेंट की और उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश सौंपा। इस पत्र में प्रधानमंत्री ने आपदा के समय ‘प्रथम उत्तरदाता’ के रूप में भारत की भूमिका की पुष्टि करते हुए श्रीलंका को व्यापक पुनर्निर्माण सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।
श्रीलंकाई विदेश मंत्री विजिथा हेराथ के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में डॉ. जयशंकर ने कहा कि वे प्रधानमंत्री मोदी का संदेश लेकर आए हैं और राष्ट्रपति दिसानायके के साथ चक्रवात से हुई क्षति पर विस्तार से चर्चा हुई है। उन्होंने बताया कि पुनर्निर्माण सहायता को शीघ्र क्रियान्वित करने के तरीकों पर भी विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि भारत, एक निकटतम पड़ोसी होने के नाते, हर कठिन समय में श्रीलंका के साथ खड़ा रहा है—चाहे वह प्राकृतिक आपदा हो या आर्थिक संकट। भारत की नीति हमेशा सहयोग, संवेदनशीलता और साझी जिम्मेदारी पर आधारित रही है।
भारतीय नौसेना के पोत आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरी कोलंबो पहुंचे
विदेश मंत्री ने राहत एवं बचाव कार्यों का उल्लेख करते हुए बताया कि भारतीय नौसेना के पोत आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरी कोलंबो पहुंचे और आवश्यक सामग्री पहुंचाई गई। इसके साथ ही भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने दो सप्ताह से अधिक समय तक राहत अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाई। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की 80 सदस्यीय टीम ने भी खोज एवं बचाव कार्य किए। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय सेना ने कैंडी के समीप 85 चिकित्साकर्मियों के साथ एक अस्थायी फील्ड अस्पताल स्थापित किया, जहां आठ हजार से अधिक लोगों को आपातकालीन चिकित्सा सहायता दी गई। इसके अतिरिक्त, दो आधुनिक आपातकालीन चिकित्सा इकाइयों को हवाई मार्ग से श्रीलंका पहुंचाया गया। India-Sri Lanka News
डॉ. जयशंकर ने बताया कि व्यापक क्षति को देखते हुए संपर्क व्यवस्था की बहाली को प्राथमिकता दी गई। हालिया राहत अभियान के तहत भारत ने 1100 टन से अधिक राहत सामग्री भेजी, जिसमें खाद्य सामग्री, आश्रय सामग्री, स्वच्छता किट, वस्त्र और जल शोधन उपकरण शामिल थे। इसके साथ ही लगभग 14.5 टन दवाइयां और चिकित्सकीय उपकरण भी उपलब्ध कराए गए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि घोषित 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता में 350 मिलियन डॉलर रियायती ऋण के रूप में और 100 मिलियन डॉलर अनुदान के तौर पर दिए जाएंगे। यह पैकेज श्रीलंकाई सरकार के साथ परामर्श के बाद अंतिम रूप दिया जा रहा है। अंत में विदेश मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत पहले से कहीं अधिक मजबूती से श्रीलंका के साथ खड़ा है और श्रीलंका अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर इस संकट से अवश्य उबर पाएगा। India-Sri Lanka News














