
हिसार (सच कहूँ/संदीप सिंहमार)। IMD Alert: नए साल से पहले मौसम को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। निजी मौसम एजेंसी स्कायमेट के अनुसार उत्तर भारत में सर्दी अब अपने पूरे तेवर दिखाने वाली है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में शीतलहर का असर तेज होने वाला है, जिससे 2026 की शुरूआत कड़ाके की ठंड के साथ हो सकती है।स्कायमेट के मुताबिक 27 दिसंबर की रात से एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इसके बाद 30 या 31 दिसंबर को एक और अधिक प्रभावशाली पश्चिमी विक्षोभ के आने की संभावना है। इन दोनों सिस्टम्स के प्रभाव से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में नए साल के मौके पर भारी बर्फबारी हो सकती है। श्रीनगर, गुलमर्ग, पहलगाम और मनाली जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर बर्फ की मोटी चादर बिछने की उम्मीद है। इससे बर्फबारी का इंतजार कर रहे पर्यटकों के लिए यह बेहद अच्छी खबर मानी जा रही है। IMD Alert
मैदानी इलाकों की बात करें तो पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में ठंड तेजी से बढ़ेगी। आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा सकती है। कई क्षेत्रों में तापमान 4 से 6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। तेज हवाओं के कारण घना कोहरा कुछ हद तक कम रह सकता है, लेकिन शीतलहर का असर ज्यादा महसूस होगा। साथ ही कई इलाकों में पाला पड़ने की भी आशंका जताई गई है, जिससे सुबह और रात के समय ठंड और तीखी हो जाएगी।
कृषि के लिहाज से देखें तो यह गिरता तापमान रबी फसलों के लिए लाभदायक साबित हो सकता है। गेहूं और सरसों जैसी फसलों को ठंड से फायदा मिलेगा, हालांकि लंबे समय से बारिश नहीं होने के कारण नमी की कमी किसानों की चिंता बढ़ा सकती है।
मध्य भारत में भी सर्दी का असर बढ़ने वाला है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात के कई हिस्सों में अब ठंड तेज होगी और न्यूनतम तापमान में अच्छी-खासी गिरावट देखने को मिलेगी। वहीं दक्षिण भारत में मौसम थोड़ा अलग रहेगा। तमिलनाडु के तटीय इलाकों और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। इसके अलावा साल के अंतिम दिनों यानी 30 और 31 दिसंबर के आसपास केरल के कुछ हिस्सों में भी बारिश की गतिविधियां शुरू हो सकती हैं। IMD Alert
विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण इस बार सर्दी देर से शुरू हुई है। आमतौर पर नवंबर में ठंड का असर दिखने लगता है, लेकिन इस साल दिसंबर के आखिर में सर्दी ने रफ्तार पकड़ी है। पश्चिमी विक्षोभों के देर से सक्रिय होने को इसकी बड़ी वजह माना जा रहा है। अनुमान है कि यह ठंड का सिलसिला फरवरी 2026 तक बना रह सकता है। ऐसे में पहाड़ी इलाकों में लंबे समय तक बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में विस्तारित शीतकाल देखने को मिल सकता है। कुल मिलाकर, नया साल देश के कई हिस्सों में कड़ाके की सर्दी और पहाड़ों पर बर्फबारी के साथ दस्तक देने वाला है, जिससे मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल जाएगा।
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