Indian Air Force martyred: नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के बहादुर पायलट विंग कमांडर नमांश स्याल को उनके पैतृक गाँव हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। 23 नवम्बर को उनकी पत्नी एवं वायुसेना अधिकारी अफशां अख्तर (Afshan Akhtar) ने अत्यंत भावुक वातावरण में अपने पति को अंतिम सलामी अर्पित की। पार्थिव शरीर के पहुंचते ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। Kangra News
विंग कमांडर स्याल का निधन 21 नवम्बर को दुबई एयर शो के दौरान हुआ, जहाँ वह स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान ‘तेजस’ के हवाई प्रदर्शन का हिस्सा थे। उड़ान के दौरान हुए अचानक दुर्घटना में उनकी जान चली गई। भारतीय वायुसेना ने तुरंत उनकी पहचान की पुष्टि करते हुए बताया कि देश ने एक उत्कृष्ट योद्धा और साहसी अधिकारी को खो दिया है।
नमांश स्याल मूलतः कांगड़ा जिले के पटियालकर गाँव के निवासी थे
34 वर्षीय नमांश स्याल मूलतः कांगड़ा जिले के पटियालकर गाँव के निवासी थे। परिवारजन और परिचित उन्हें बचपन से ही प्रतिभाशाली, अनुशासित और देशभक्ति से ओतप्रोत युवक के रूप में याद करते हैं। उनके चाचा मदन लाल ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि पूरा गाँव अपने होनहार बेटे के निधन से स्तब्ध है। उन्होंने बताया कि स्कूल के दिनों से ही वे पढ़ाई और खेल—दोनों में अव्वल रहते थे। Kangra News
वायुसेना के अनुसार, उनका पार्थिव शरीर 23 नवम्बर की सुबह IAF के C-130 विमान से तमिलनाडु के सुलूर वायुसेना स्टेशन लाया गया, जहाँ सैन्य सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद विशेष व्यवस्था के तहत शव को हिमाचल प्रदेश भेजा गया, जहाँ अंतिम संस्कार संपन्न हुआ।
विंग कमांडर स्याल अपने पीछे पत्नी अफशां अख्तर, छह वर्षीय बेटी आर्या और अपने माता-पिता को छोड़ गए हैं। भारतीय वायुसेना ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि यह क्षति अपूरणीय है और सेवा के सभी अधिकारी इस कठिन समय में परिवार के साथ खड़े हैं। Kangra News















