पंजाब के श्रवण सिंह के घर पर खुशी का माहौल! जानें इस ख़ुशी का कारण!

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पंजाब के श्रवण सिंह के घर पर खुशी का माहौल! जानें इस ख़ुशी का कारण!

PM National Children Award 2025: फिरोजपुर। पंजाब के सीमावर्ती जिले फिरोजपुर के गांव चक तरां वाली के रहने वाले 10 वर्षीय बालक श्रवण सिंह को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार–2025’ से सम्मानित किया गया है। इस सम्मान की घोषणा के बाद से ही श्रवण के परिवार और पूरे गांव में हर्ष और गर्व का वातावरण बना हुआ है। यह पुरस्कार उन्हें अदम्य साहस, संवेदनशीलता और निस्वार्थ देशसेवा के लिए प्रदान किया गया है। Firozpur News

मई 2025 में सीमा क्षेत्र में चल रहे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान श्रवण की बहादुरी सामने आई थी। भारत–पाकिस्तान सीमा पर तनावपूर्ण हालात के बीच, जब ड्रोन गतिविधियां और घुसपैठ की आशंकाएं बनी हुई थीं, तब श्रवण ने अपनी उम्र की परवाह किए बिना सीमा चौकियों पर तैनात जवानों की सहायता का बीड़ा उठाया। वह प्रतिदिन सैनिकों तक पानी, दूध, लस्सी, चाय और बर्फ जैसी आवश्यक वस्तुएं पहुंचाता रहा, जिससे जवानों को राहत मिली और उनका उत्साह बढ़ा।

श्रवण ने न केवल सामग्री उपलब्ध कराई, बल्कि अपने घर को भी सैनिकों के लिए सहयोग और सेवा का केंद्र बना दिया। उसके इस व्यवहार से नागरिकों और सेना के बीच आपसी विश्वास और सहयोग की भावना और अधिक मजबूत हुई। सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए श्रवण का यह कदम साहस और मानवता की मिसाल बन गया। Firozpur News

गोल्डन एरो डिवीजन ने उसकी शिक्षा का दायित्व भी अपने हाथों में लिया

उसकी इस प्रेरणादायक भूमिका को देखते हुए गोल्डन एरो डिवीजन ने उसकी शिक्षा का दायित्व भी अपने हाथों में लिया है। श्रवण की कहानी ने पूरे इलाके में सकारात्मक ऊर्जा और एकता का संदेश दिया है। उसके परिवार के सदस्य—मां, बहन और दादा—इस सम्मान से भावुक और गौरवान्वित हैं। उनका कहना है कि यह उपलब्धि केवल परिवार ही नहीं, बल्कि पूरे गांव और पंचायत के लिए सम्मान की बात है। श्रवण की मां ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान उनका बेटा दिन में कई बार सैनिकों के पास जाकर चाय, दही और अन्य आवश्यक चीजें पहुंचाता था। उन्होंने कहा कि श्रवण का सपना बड़ा होकर सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना है।

वहीं श्रवण सिंह ने कहा कि उसने जो कुछ भी किया, वह सैनिकों के प्रति सम्मान और कर्तव्य भावना से किया। उसने अन्य लोगों से भी अपील की कि वे अपने-अपने स्तर पर देश के जवानों की सहायता करें। श्रवण का यह साहस यह संदेश देता है कि देशभक्ति के लिए उम्र नहीं, बल्कि जज्बा मायने रखता है। Firozpur News