
Amarnath Yatra Weather Update: नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के ऊपरी इलाकों में लगातार खराब मौसम के चलते अमरनाथ यात्रा प्रभावित हुई है। भारी वर्षा और भूस्खलन के कारण यात्रा मार्ग पर अवरोध उत्पन्न हो गया, जिससे सैकड़ों श्रद्धालु रास्ते में फंस गए। ऐसे कठिन समय में भारतीय सेना ने एक बार फिर अपनी सजगता और मानवता का परिचय देते हुए यात्रियों को सुरक्षा और शरण प्रदान की। Amarnath Yatra Weather
गत 16 जुलाई की संध्या लगभग सवा सात बजे हुई तेज बारिश के कारण भूस्खलन हुआ, जिससे यात्रा रोकनी पड़ी। भारतीय सेना की तैनात टुकड़ियों ने तत्परता दिखाते हुए राहत कार्य आरंभ किया। उन्होंने लगभग 500 यात्रियों को अपने कैंपों में सुरक्षित स्थान दिया और उन्हें आवश्यक सुविधाएं जैसे चाय व पीने का पानी उपलब्ध कराया।
सेना के लंगरों में लगभग 3000 श्रद्धालुओं ने शरण ली
इसके अतिरिक्त, सेना के लंगरों में लगभग 3000 श्रद्धालुओं ने शरण ली। इन लंगरों में यात्रियों को न केवल भोजन और आश्रय मिला, बल्कि स्नेह और सहयोग भी मिला। एक गंभीर स्थिति में सेना की त्वरित प्रतिक्रिया टीम ने दो भूस्खलन संभावित क्षेत्रों के मध्य रायलपथरी में फंसे एक बीमार यात्री को मैन्युअल स्ट्रेचर द्वारा सुरक्षित निकाल कर चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई। Amarnath Yatra News
सेना के अधिकारी, कैंप निदेशक और कंपनी कमांडर स्वयं मौके पर उपस्थित रहकर स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और इसे पूरी तरह नियंत्रण में बताया है। रायलपथरी समेत कुछ अन्य क्षेत्रों में हल्की वर्षा जारी है, परंतु सेना पूरी सतर्कता और तैयारी के साथ किसी भी संभावित चुनौती से निपटने को तत्पर है। Amarnath Yatra Weather
मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों से आए श्रद्धालु भारतीय सेना द्वारा मिले समय पर सहयोग के लिए आभार व्यक्त कर रहे हैं। श्रद्धालुओं ने बताया कि सेना के कैंपों में उन्हें सुरक्षित आश्रय, भोजन व पेयजल मिला और यही कारण है कि वे भूस्खलन व तेज बारिश से सुरक्षित बच सके।
सेना की प्रतिबद्धता का प्रमाण: ऑपरेशन शिवा 2025 | Amarnath Yatra
भारतीय सेना ‘ऑपरेशन शिवा 2025’ के अंतर्गत अमरनाथ यात्रा की सुगमता, सुरक्षा और निरंतरता सुनिश्चित कर रही है। यह अभियान नागरिक प्रशासन और केंद्रीय सशस्त्र बलों के सहयोग से संचालित हो रहा है। इस वर्ष विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की आशंका को देखते हुए सुरक्षा को और सशक्त किया गया है।
यात्रा मार्गों पर आतंकरोधी रणनीति, सुरक्षा घेरा तथा निगरानी व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है। सेना द्वारा आपदा प्रबंधन में भी प्रशासन को पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है। अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए 8,500 से अधिक सैनिकों की तैनाती की गई है, जिन्हें विशेष तकनीकी और परिचालन प्रशिक्षण दिया गया है। अमरनाथ यात्रा के इस कठिन समय में भारतीय सेना का यह समर्पण और मानवीय संवेदना एक बार फिर यह सिद्ध करती है कि संकट की घड़ी में वह सदैव देशवासियों के साथ खड़ी रहती है। Amarnath Yatra Weather