Brahmos Missile Unit inaugurated: लखनऊ। देश की रक्षा क्षमताओं को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने रविवार को वर्चुअल माध्यम से लखनऊ में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos Supersonic Missile) निर्माण इकाई का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक और अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। BrahMos Missile Unit Lucknow
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “’ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से ब्रह्मोस मिसाइल की शक्ति की झलक विश्व ने देखी है। यदि किसी को इसकी प्रभावशीलता पर संदेह हो, तो वे पाकिस्तान से इसकी सच्चाई पूछ सकते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया है कि अब आतंकवाद की कोई भी घटना सीधे युद्ध की श्रेणी में मानी जाएगी। जब तक आतंकवाद को उसकी जड़ से नहीं उखाड़ा जाएगा, तब तक स्थायी समाधान संभव नहीं है। हमें एकजुट होकर दृढ़ संकल्प के साथ आतंक के विरुद्ध लड़ना होगा, क्योंकि वह कभी भी शांति की भाषा नहीं समझता—उसे उसी के अंदाज़ में उत्तर देना आवश्यक है।”
देश की स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमताओं को सशक्त बनाएगी इकाई
लखनऊ में स्थापित यह नई मिसाइल निर्माण इकाई देश की स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमताओं को सशक्त बनाएगी। इस यूनिट में प्रतिवर्ष लगभग 80 से 100 ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्माण किया जाएगा। यह परियोजना लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की गई है।
ब्रह्मोस मिसाइल, जो कि भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) तथा रूस की संस्था एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया के संयुक्त प्रयास से विकसित की गई है, 290 से 400 किलोमीटर तक की दूरी पर 2.8 मैक की गति से सटीक प्रहार करने में सक्षम है। यह मिसाइल “फायर एंड फॉरगेट” तकनीक पर आधारित है और इसे थल, जल या नभ से दागा जा सकता है। BrahMos Missile Unit Lucknow
इसके अतिरिक्त, इस इकाई में अगली पीढ़ी की ब्रह्मोस मिसाइलों का भी निर्माण किया जाएगा, जिनकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 100 से 150 तक होगी। इन उन्नत मिसाइलों का वजन घटाकर 1,290 किलोग्राम किया गया है, जिससे सुखोई जैसे लड़ाकू विमानों में एक की बजाय तीन मिसाइलें एक साथ ले जाना संभव हो सकेगा। इन नई मिसाइलों की मारक क्षमता भी 300 किलोमीटर से अधिक होगी।
रक्षा औद्योगिक गलियारे की एक महत्त्वपूर्ण कड़ी
यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2018 में घोषित उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे की एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है। वर्ष 2021 में इसका शिलान्यास किया गया था और राज्य सरकार द्वारा इसके लिए 80 हेक्टेयर भूमि प्रदान की गई थी। मात्र साढ़े तीन वर्षों में इसका निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे के अंतर्गत छह प्रमुख नोड्स—लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी और चित्रकूट—शामिल हैं। इस गलियारे का उद्देश्य रक्षा उत्पादन क्षेत्र में निवेश को आकर्षित कर भारत को आत्मनिर्भर और सुरक्षित बनाना है। तमिलनाडु के बाद उत्तर प्रदेश देश का दूसरा राज्य है, जिसने विशेष रूप से रक्षा उद्योग को समर्पित ऐसा गलियारा विकसित किया है। BrahMos Missile Unit Lucknow
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