यदि राजनीतिक ब्यानबाजी को किनारे कर दिया जाए, तब इस बात में कोई शक नहीं है कि साधारण व्यक्ति से लेकर पेशेवर व्यक्ति एवं कर्मचारियों तक हर कोई व्यक्ति कैशलेस अर्थव्यवस्था का समर्थन करने लगा है। विपक्ष द्वारा की जा रही ब्यानबाजी तो एक आदत हो गई है, जिसे वह चाहकर भी नहीं छोड़ सकते। कालाधन रखने वाले या इसकी घोषणा कर रहे लोगों पर हो रही आयकर विभाग की छापामार कार्यवाईयों से स्वत: ही अनुमान लग रहा है कि कितनी बड़ी मात्रा में अभी भी लोगों ने अपनी अवैध कमाई को छुपा रखा है। नोटबंदी के एक महीना बाद भी नहरों, कूड़े के ढेरों पर फटी-जली अवस्था में लोगों की फैंकी गई काली कमाई मिल रही है। अत: स्पष्ट है कि नोटबंदी का निर्णय कितना आवश्यक हो गया था। जहां तक कैशलेस व्यवस्था का प्रश्न है, तो नोटबंदी का विरोध कर रहे लोग भी धड़ाधड़ इसे अपना रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हर बात पर विरोध करने वाले अरविंद केजरीवाल भी दिल्ली में बड़े जोर-शोर से कैशलेस व्यवस्था को फैला रहे हैं। बकायदा हर विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों को इस बात की ट्रेनिंग दी जा रही है। अधिकारी भी इस व्यवस्था के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों में उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं। कैशलेस व्यवस्था से पहले दिल्ली राज्य ने जीएसटी को भी हाथों-हाथ लिया और दिल्ली में इसके लिए अधिकारियों को पूरी तरह दक्ष बना दिया। दिल्ली के अलावा देशभर की राज्य सरकारें अब कैशलेस की ओर बढ़ रही हैं। अब बड़ी फैक्ट्रीज, कार्यशालाएं लाखों-करोड़ों का कैशलेस लेन-देन नहीं कर सकती, क्योंकि उनके सामने एक चाय वाला, फेरीवाला, सब्जी वाला, अपना भुगतान अब पेटीएम, एसबीआई बड्डी या ऐसे ही अन्य आॅनलाइन तरीके से प्राप्त कर रहा है। फिर आमजन आए दिन बिजली, टेलीफोन बिल, गैस और न जाने किन-किन सेवाओं व वस्तुओं के भुगतान के लिए लाईन लगाता आया है औ कइयों के लिए तो अभी भी लाईनों का अंत नहीं हुआ है। वह सब काम आॅनलाइन पलक झपकते हो रहे हैं, तो फिर लाईन में क्यों खड़े होना। खासकर तब तो बिल्कुल भी नहीं, जब लाईन में खड़े व्यक्ति की जेब में इंटरनेटयुक्त स्मार्टफोन भी है। आधार कार्ड की सफलता सबके सामने है। आधार कार्ड ने देश में से करोड़ों फर्जी वोटों को खत्म कर दिया है, राशन की दुकानों की कालाबाजारी खत्म कर दी है, लाखों बीपीएल परिवार रातों-रात गरीबी रेखा से ऊपर हो गए। अत: विपक्षी दलों का कैशलेस प्रणाली का विरोध करना अब बिल्कुल ही ऐसा हो गया है, जैसा भारत में किसी जमाने में बिजली परियोजनाओं का नेता यह कहकर विरोध करते थे कि इससे पानी में से बिजली निकाल ली जाएगी, पानी में कोई जान ही नहीं बचेगी। विरोध करने वाले बहुत से नेताओं की जेबों में क्रेडिट व डेबिट कार्ड भी हैं, जिससे वह बड़े मॉल्स या सुपर मार्केट में खरीददारी करते हैं, फिर वह आमजन को क्यों कैशलेस नहीं होने देना चाहते? कैशलेस व्यवस्था बेहद सुगम व पैसा बचाने वाली है। आमजन व देशहित में कैशलेस व्यवस्था का ज्यादा से ज्यादा फैलाव होना चाहिए।
ताजा खबर
Haryana School Summer Vacation: हरियाणा में गर्मियों की छुटियां को लेकर आई बड़ी जानकारी
Haryana School Summer Vac...
Wheat Straw Burnt: आग लगने से 25 एकड़ गेहूं का भूसा जलकर हुआ राख
Wheat Straw Burnt: रानिया...
सरसा के बाजारों में लाइन बिछाने से पहले ड्राइंग में होगा बदलाव
दुकानदार एसोसिएशन ने प्रध...
Haryana: सभी टोल प्लाजा के लिए सांसद सैलजा ने लगाई सरकार के आगे गुहार
60 किमी से पहले खुले सभी ...
अवैध मेडिकल स्टोर पर छापेमारी, बड़ी मात्रा में मिली प्रतिबंधित दवाएं
कैथल, सच कहूं/ कुलदीप नैन...
UP Metro News: उत्तर प्रदेश के इस जिले में इन रूट पर चलेगी मेट्रो
UP Metro News: लखनऊ, अनु ...
Fire: हरियाणा के इस शहर में लगी भीषण आग, 50 झुग्गियां जलीं
Fire: गुरुग्राम,संजय मेह...
Air Conditioner: AC को खराब कर सकती है ये गलतियां, तुरंत अपनाएं ये तरीके, ठंडी-ठंडी हवा देने लगेगा
Air Conditioner: अनु सैन...
Jumped Deposit Scam: अनजान खाते से राशि प्राप्त होने पर हो जाएं सावधान, हड़बड़ाहट में ना उठाएं कोई कदम
Jumped Deposit Scam: यमुन...