वित्तमंत्री चीमा ने ‘विकसित भारत-जी राम जी ’ योजना को गरीबों और संघीय ढांचे के बताया ‘खिलाफ’

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Chandigarh News: विधानसभा में भाषण में बहस करते वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा।

मनरेगा महिला मजदूर की भावुक चिट्ठी पढ़कर सुनाते हुए योजना की अहमियत पर डाला प्रकाश

  • मनरेगा मजदूरों की अपीलें और पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजने की की अपील

चंडीगढ़ (सच कहूँ/अश्वनी चावला)। Chandigarh News: पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने मंगलवार को विधानसभा में मनरेगा योजना में हाल ही में किए गए बदलावों और इसका नाम बदलकर ‘विकसित भारत-जी राम जी’ रखे जाने के खिलाफ पेश प्रस्ताव का समर्थन करते हुए इसे गरीब विरोधी करार दिया। अपने संबोधन के दौरान वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने मनरेगा की एक महिला मजदूर चरणजीत कौर की भावुक चिट्ठी पढ़कर सुनाई, जिसमें हजारों ग्रामीण मजदूरों की आशंकाओं को उजागर किया गया था। चरणजीत कौर ने चिट्ठी में चिंता जताई कि बदलते नियमों और केन्द्रीकृत गांवों की सूचियों के कारण बच्चे शिक्षा से और बुजुर्ग दवाइयों से वंचित रह जाएंगे।

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार हर योजना का केन्द्रीयकरण कर देश के मजदूरों को बंधुआ मजदूर और केंद्रीय व्यवस्था का गुलाम बनाने की कोशिश कर रही है। केन्द्र की नीतियों की पंजाब सरकार की पहलों से तुलना करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इस बात पर जोर दिया कि आम आदमी पार्टी ठोस कदमों के जरिए दलित समुदाय के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए दिन-रात काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब के इतिहास में पहली बार मान मंत्रिमंडल में 15 में से 6 मंत्री दलित समुदाय से हैं, जो एक अभूतपूर्व प्रतिनिधित्व है। एक और ऐतिहासिक पहल का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह भी पहली बार हुआ है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने दलित परिवार से संबंधित व्यक्ति को वित्त मंत्री नियुक्त किया है, एक ऐसा पद जो पिछली कांग्रेस और अकाली सरकारों ने कभी किसी दलित नेता को नहीं सौंपा।

वित्त मंत्री ने बताया कि ‘आप’ सरकार अब तक 15 हजार से अधिक दलित युवाओं को सरकारी नौकरियां दे चुकी है और लगभग 5 हजार जरूरतमंद दलित परिवारों के कर्ज माफ किए गए हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वर्ष 2025-26 के बजट में एससी/एसटी सब-प्लान के तहत लगभग 14,000 करोड़ रुपये रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि यह पंजाब के इतिहास का सबसे बड़ा आवंटन है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि कुल विकास बजट का 34 प्रतिशत विशेष रूप से हाशिये पर पड़े और वंचित वर्गों के विकास के लिए समर्पित है। Chandigarh News

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