राजस्थान से लाकर हिसार के बीकानेर स्वीट्स समेत नामी दुकानों पर व बरवाला, उकलाना में मिठाई की दुकानों पर सप्लाई करते थे।
हिसार (सच कहूँ/श्याम सुन्दर सरदाना)। Hisar CM Flying Raid: रविवार सुबह 6:30 बजे हिसार में सीएम फ्लाइंग की टीम ने शहर की ढाणी श्याम लाल में 2 स्थानों पर अलग अलग मकानों में चल रहे नकली मावे के अवैध गोदाम पर रेड मारी। रेड के दौरान करीब 8.55 क्विंटल नकली मावा (खोया) बरामद किया गया है। यह मावा गंदगी के बीच रखा हुआ पाया गया। जो 130 रुपये खरीदकर वह इसे हिसार में 180 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बेच देते थे। टीम द्वारा दोनों जगह से कल 6 सैंपल मावा के एकत्रित किए गए हैं जो जांच के लिए लैब में भेजे जाएंगे तथा खराब हालत में मिले मावा को गड्ढा खोदकर उसमें दबकर नष्ट कर दिया गया है। Hisar News
टीम का नेतृत्व सीएम फ्लाइंग हिसार रेंज इंचार्ज सुनैना ने किया तथा उनके साथ खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ पवन चहल, एएसआई सुरेंद्र, एचसी विजय, हिसार पुलिस के स्पेशल स्टाफ के एसआई कृष्ण कुमार, एचसी सुरेंद्र, अनूप व मनोज भी टीम में शामिल रहे।
यहां से मावा हिसार, बरवाला, उकलाना शहर की नामी दुकानों पर सप्लाई होता था। 500 रुपए किलो वाला मावा यहां से 150 रुपए प्रति किलो में सप्लाई होता था। रक्षाबंधन और तीज पर यहां से 35 क्विंटल मावा सप्लाई किया गया है। टीम ने सीएम फ्लाइंग इन्चार्ज सुनैना ने नेतृत्व में सुबह हिसार की श्याम लाल ढाणी में एक मकान पर रेड की। जहां पर राजस्थान के गांव कवालसर निवासी महावीर सिंह मौके पर मिला। महावीर सिंह की मौजूदगी में मकान में जांच की तो रेड के दौरान 675 किलोग्राम मावा बरामद हुआ और मावे को गंदगी में रखा पाया गया। डी-फ्रिज में इसे गंदे पानी के बीच रखा हुआ था। इसमें से बदबू आ रही थी। Hisar News
टीम ने मौके से एक युवक महावीर से पूछताछ की। वह राजस्थान के चुरू का रहने वाला है। युवक ने बताया कि यह मावा नकली है और शहर की लगभग सभी बड़ी दुकानों पर सप्लाई होता था।
इसके बाद सीएम फ्लाइंग टीम ने इसी कॉलोनी के एक अन्य मकान पर रेड की। जहां पर राजस्थान के डूंगरगढ़ निवासी संदीप कुमार मकान पर मिला। जब सीएम फ्लाइंग टीम ने यहां पर जांच की तो 180 किलोग्राम मावा पाया गया।
रात्रि को बसों में मंगाया जाता था मावा | Hisar News
सीएम फ्लाइंग हिसार रेंज इंचार्ज सुनैना ने बताया कि रेड के दौरान दो मकान पर मावा मिला है और पूछताछ में दोनों ने बताया कि वह यह मावा बीकानेर क्षेत्र से खरीदते थे। वहां से इस मावे को रात्रि में राजस्थान से हिसार आने वाली बसों में रख दिया जाता था और उसके बाद वह इस मावा को हिसार में उतार लेते थे और यहां पर गोदाम बनाकर इसे हिसार, बरवाला उकलाना सहित अन्य जगह पर बेचा जाता था।