Dengue Fever Symptoms: डेंगू का बुखार कब और कैसे होता है, जानें-इसके लक्षण, और बचाव

Dengue Fever Symptoms
Dengue Fever Symptoms: डेंगू का बुखार कब और कैसे होता है, जानें-इसके लक्षण, और बचाव

 Dengue Fever Symptoms: अनु सैनी। बारिश का मौसम जहां एक ओर राहत लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर कई बीमारियों को भी जन्म देता है। उन्हीं में से एक है डेंगू। यह बीमारी एक वायरल इंफेक्शन है जो एडीज एजिप्टी (Aedes Aegypti) मच्छर के काटने से होती है। यह मच्छर दिन में काटता है और साफ पानी में पनपता है। इन दिनों डेंगू के मामले देशभर में तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग सतर्क है और आम जनता से अपील कर रहा है कि वे सजग रहें और जरूरी बचाव उपायों को अपनाएं।

क्या है डेंगू? Dengue Fever Symptoms

डेंगू एक संक्रामक रोग है जो डेंगू वायरस के चार प्रकारों (DEN-1, DEN-2, DEN-3, और DEN-4) में से किसी एक से फैलता है। यह वायरस मच्छर के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है। डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, त्वचा पर रैश और कमजोरी शामिल हैं। गंभीर मामलों में यह बीमारी “डेंगू हेमोरेजिक फीवर” या “डेंगू शॉक सिंड्रोम” में बदल सकती है, जिसमें आंतरिक रक्तस्राव और जान का खतरा होता है।

क्यों बढ़ रहा है डेंगू का प्रकोप?

डेंगू का मच्छर खासतौर पर बारिश के मौसम में सक्रिय होता है, जब जगह-जगह पानी जमा हो जाता है। यह मच्छर साफ पानी में पनपता है — जैसे कि कूलर, गमले, टंकी, पुरानी बोतलें या टायरों में जमा पानी।
इस वर्ष मानसून के जल्दी आने और लगातार हो रही बारिश ने मच्छरों के लिए अनुकूल वातावरण बना दिया है। कई राज्यों में डेंगू के केसों में 30% से अधिक वृद्धि देखी गई है।

डेंगू से बचाव के लिए क्या करें?

स्वास्थ्य विभाग और विशेषज्ञ लगातार यह अपील कर रहे हैं कि डेंगू से बचाव के लिए लोगों को खुद जागरूक होना होगा। नीचे दिए गए उपाय अपनाकर आप खुद और अपने परिवार को डेंगू से बचा सकते हैं:
1. मच्छरों से बचें
हमेशा पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
मच्छरदानी में सोएं, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षा दें।
मच्छर भगाने वाली क्रीम या इलेक्ट्रॉनिक मशीनों का उपयोग करें।
2. पानी जमा न होने दें
कूलर, गमले, टायर, बाल्टी जैसे स्थानों में पानी एकत्र न होने दें।
टंकियों को ढककर रखें और सप्ताह में एक बार जरूर साफ करें।
घर के आस-पास जलभराव न होने दें।
3. घर में जाली लगवाएं
दरवाजे और खिड़कियों पर बारीक जाली लगवाएं जिससे मच्छर अंदर न आ सकें।
शाम के समय दरवाजे बंद रखें।
4. प्राकृतिक उपाय
नीम और तुलसी के पत्तों को जलाकर धुआं करें।
लैवेंडर, सिट्रोनेला और नीलगिरी (यूकेलिप्टस) के तेल का प्रयोग करें।
5. सामुदायिक स्तर पर सफाई
समाज और मोहल्ले में सामूहिक सफाई अभियान चलाएं।
नगरपालिका से नियमित फॉगिंग की मांग करें।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
डॉ. सीमा गुप्ता, वरिष्ठ फिजिशियन, जिला अस्पताल मुजफ्फरनगर, कहती हैं:
“डेंगू के कोई खास इलाज नहीं है, इसलिए जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है। लोग अगर अपने घर और आस-पास साफ-सफाई रखें, पानी न जमने दें और मच्छरों से बचाव करें, तो इस बीमारी से पूरी तरह बचा जा सकता है। बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, खुद से पेन किलर या एंटीबायोटिक न लें।”
डेंगू के प्रमुख लक्षण क्या हैं?
102-105 डिग्री तक तेज बुखार
सिर दर्द और आंखों के पीछे दर्द
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
उल्टी, जी मिचलाना
शरीर पर लाल दाने या चकत्ते
ब्लीडिंग (नकसीर, मसूड़ों से खून आदि – गंभीर स्थिति में)
यदि इन लक्षणों में कोई दिखाई दे तो तुरंत नजदीकी अस्पताल जाएं।
क्या है इलाज?
डेंगू के लिए अभी तक कोई विशेष एंटी-वायरल दवा या टीका नहीं है (हालांकि रिसर्च जारी है)। उपचार सिर्फ लक्षणों को कम करने और प्लेटलेट्स के स्तर को बनाए रखने पर आधारित होता है।
डेंगू के मरीज को आराम, अधिक तरल पदार्थ (जैसे नारियल पानी, जूस, ओआरएस) और डॉक्टर की देखरेख की जरूरत होती है। प्लेटलेट्स बहुत कम हो जाएं तो अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है।
बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें
बच्चों और बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इसलिए उन्हें मच्छरों से बचाने के लिए विशेष सावधानी जरूरी है:-
बच्चों के कपड़े पूरी बाजू के हों।
बच्चों को बाहर खेलने भेजते समय मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाएं।
बुजुर्गों को दिन में आराम करते समय भी मच्छरदानी में सुलाएं।
सावधानी ही बचाव है
डेंगू एक जानलेवा बीमारी बन सकती है, लेकिन थोड़ी सी सावधानी और जागरूकता से इससे पूरी तरह बचा जा सकता है। सरकार, नगर पालिका और आम जनता — सभी को मिलकर इस दिशा में कार्य करना होगा। खुद भी सुरक्षित रहें और अपने आस-पास के लोगों को भी जागरूक करें।