जेएनवी को ज्योति पर नाज, 3 वर्ष में जीते 9 गोल्ड सहित कुल 20 मेडल
PM Rashtriya Bal Puraskar: ओढ़ां (सच कहूँ/राजू)। एक पैर से दिव्यांग होने के बावजूद भी ज्योति ने वो कर दिखाया जिसके लिए पूरे देश को उस पर नाज है। वीर बाल दिवस के अवसर पर ज्योति को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सम्मानित किया गया। ज्योति अपने माता-पिता के साथ दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में पहुंची और ये सम्मान प्राप्त किया। Sirsa News
पीएमश्री जवाहर नवोदय विद्यालय ओढ़ां की कक्षा 11वीं की छात्रा बचपन से ही एक पैर से दिव्यांग है। लेकिन इसके बावजूद भी उसने अपनी मेहनत-लगन से सफलता की ईबारत लिख डाली। ज्योति ने शॉटपुट, जैवलिन थ्रो व डिस्कस थ्रो में नेशनल एवं इंटरनेशनल स्तर पर खेलकर अपनी बेहतरीन खेल प्रतिभा का प्रदर्शन किया। ज्योति की इस उपलब्धि पर जेएनवी ओढ़ां ने नाज महसूस करते हुए कहा कि ज्योति उन बच्चों के लिए प्रेरणास्त्रोत है जो अपनी दिव्यांगता से आहत होकर आत्मविश्वास खो बैठते हैं।
कौन है ज्योति :
करीब 17 वर्षीय ज्योति सरसा जिला के ऐलनाबाद की रहने वाली है। उसके घर में पिता, मां, 2 बहन व एक भाई सहित कुल 6 सदस्य हैं। ज्योति के पिता विजयपाल जेसीबी मशीन पर ड्राईवर हैं। ज्योति जन्म से ही एक पैर से दिव्यांग है। उसने 5वीं तक की शिक्षा अपने गांव ऐलनाबाद के सरकारी स्कूल से ग्रहण की। जिसके बाद ओढ़ां के पीएमश्री जवाहर नवोदय विद्यालय में कक्षा 6वीं में उसका चयन हो गया। अप्रैल 2022 में हरिद्वार में दिव्यांग बच्चों के लिए आदित्य मैहता फाउंडेशन की ओर से एक शिविर लगाया गया। जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से काफी दिव्यांग बच्चे पहुंचे। जिनमें ज्योति ने शॉटपुट व डिस्कस थ्रो में भाग लिया और उसकी बेहतर प्रतिभा के चलते उसका चयन हो गया। Sirsa News
ये है उपलब्धियां
ज्योति को वर्ष 2022 में हैदराबाद के रंगारेड्डी में स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में आदित्य मैहता फाउंडेशन की ओर से खेलों की ट्रेनिंग मिली। जहां उसने 2 वर्ष तक रहकर 9वीं व 10वीं की शिक्षा ग्रहण की और साथ-साथ खेलों की ट्रेनिंग भी ली। जिसके बाद कृत्रिम पैर का सहारा लेकर शॉटपुट, डिस्कस थ्रो व जैवलिन थ्रो में भाग लेते हुए अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। ज्योति 3 वर्ष के अंतराल में 5 नेशनल, 5 इंटरनेशनल व 2 स्टेट खेल चुकी है। जिसमें उसने शॉटपुट में 8, जैवलीन थ्रो में 7 तथा डिस्कस थ्रो में 5 सहित कुल 20 मेडल हासिल किए हैं। इनमें से 9 मेडल गोल्ड हैं।
जब पहली बार ज्योति की खेल क्षेत्र में रूचि देखी तो हमें एक बार ये लगा कि वह एक पैर के सहारे किस तरह से कर पाएगी। लेकिन जब उसने पहली बार गोल्ड जीता तो मुझे एक बार तो विश्वास ही नहीं हुआ। इस उपलब्धि के बाद मुझे ये लगा कि क्यों न बेटी को आगे बढ?े में स्पोर्ट करना चाहिए। मुझे नाज है कि ज्योति मेरी बेटी है। माननीय राष्ट्रपति के हाथों से सम्मानित होने का मैसेज मिला, सुनकर बहुत ही खुशी हुई। दिनभर से लोग फोन पर बधाई दे रहे हैं। जो बच्चे दिव्यांग हैं मैं उन बच्चों के अभिभावकों से आह्वान करता हूं कि अपने बच्चों में शिक्षा व खेलों में आगे बढ़ने के लिए आत्मविश्वास भरें व उन्हें एक मंच प्रदान करें। – विजयपाल, ज्योति के पिता।
हमें ज्योति पर गर्व है। दिव्यांग होने के बावजूद भी शिक्षा व खेल दोनों को एक साथ आगे मेंटेन रखा। हमें बड़ी खुशी हुई कि हमारे संस्थान की एक छात्रा ने नेशनल ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल स्तर पर खेलकर देश का मान बढ़ाया। माननीय राष्ट्रपति के हाथों से सम्मानित होना बेहद ही गर्व का विषय है।
– ललित कालड़ा, प्राचार्य (पीएमश्री जवाहर नवोदय विद्यालय ओढां)
ये सभी उपलब्धियां दिव्यांग कैटेगिरी के खेलों में है ô Sirsa News
- जनवरी 2023 में रोहतक में हुए राज्यीय स्तरीय खेलों में शॉटपुट व जैवलीन थ्रो में 2 गोल्ड मेडल।
- अप्रैल 2023 में गुजरात में राष्ट्रीय स्तरीय खेलों में शॉटपुट में गोल्ड व जैवलीन थ्रो में सिल्वर मेडल।
- मई 2023 में बंगलौर में आयोजित 5वीं इंडियन ओपन पैरा एथलेटिक इंटरनेशनल चैंपियनशिप में बेहतर प्रदर्शन।















