रियल टाइम भुगतान धोखाधड़ी में आएगी कमी, ऑनलाइन लेनदेन होगा और सुरक्षित
हिसार (सच कहूँ/मुकेश)। हिसार जिले के कुलाना निवासी प्रो. डॉ. संदीप सिंहमार को यूनाइटेड किंगडम इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी ऑफिस से ई-कॉमर्स और ऑनलाइन भुगतान सुरक्षा से जुड़े उपकरण का रजिस्टर्ड पेटेंट डिजाइन प्राप्त हुआ है। यह उपलब्धि डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में भारतीय नवाचार की बड़ी सफलता मानी जा रही है। डॉ. सिंहमार द्वारा विकसित यह उपकरण डिजिटल भुगतान में बढ़ती धोखाधड़ी को रोकने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। Hisar News
यह मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक की मदद से रियल टाइम में संदिग्ध ऐप, फर्जी वेबसाइट और असामान्य गतिविधियों को पहचान कर उपयोगकर्ता को तुरंत सतर्क करता है। इससे एपीपी फ्रॉड, खाता अधिग्रहण, फिशिंग, और सीईओ फ्रॉड जैसे मामलों में कमी आने की उम्मीद है, जो वर्तमान समय में तेजी से बढ़े हैं।
डिजिटल भुगतान से जुड़े हालिया मामलों में यह देखा गया है कि स्कैमर्स ग्राहकों को झांसा देकर अधिकृत भुगतान करवा लेते हैं या उनके बैंक/ई-कॉमर्स खातों पर अनधिकृत नियंत्रण कर लेते हैं, जिससे लाखों रुपये की धोखाधड़ी होती है। डॉ. सिंहमार का यह नवाचार ऐसे जोखिमों को काफी हद तक कम करेगा और ऑनलाइन लेनदेन को अधिक सुरक्षित बनाएगा। यह पेटेंट डिजिटल भारत के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह साइबर सुरक्षा और भुगतान सुरक्षा के क्षेत्र में भारत की क्षमता को वैश्विक स्तर पर स्थापित करता है।
डॉ. सिंहमार को इस उपलब्धि पर एनआईआईएलएम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. शमीम अहमद, रजिस्ट्रार डॉ. राजीव दहिया, चेयरमैन संदीप चहल, डायरेक्टर बलराज ढांडा, डायरेक्टर संदीप चहल और राजकीय महिला महाविद्यालय हिसार के पूर्व प्राचार्य डॉ. रमेश आर्य सहित कई शिक्षाविदों ने बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपकरण आमजन को डिजिटल धोखाधड़ी से बचाने में एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा। Hisar News















